शिवम दुबे, Raipur. बेमेतरा जिले के बिरनपुर में सांप्रदायिक दंगे के दौरान भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। इसके बाद यह ऐलान किया गया था कि भाई को सरकारी नौकरी मिलेगी। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद अनुकंपा नियुक्ति की फाइल तेजी से चल रही है। साजा से भाजपा विधायक ईश्वर साहू के छोटे बेटे कृष्णा साहू के लिए प्रशासन ने अभिमत प्रस्ताव भेजा है। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव में सात बार के विधायक को हराकर ईश्वर साहू ने जीत हासिल की थी। विधायक ईश्वर साहू ने बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा में अपने बेटे को खोया था।
पुलिस विभाग में मिल रही नियुक्ति
ईश्वर साहू के छोटे बेटे के लिए एसपी भावना गुप्ता की तरफ से मंत्रालय के आदेश का पालन करते हुए पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के संबंध पत्र भेजा गया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को एसपी भावना गुप्ता की ओर से मंत्रालय के आदेश पर कृष्णा को पुलिस विभाग में आरक्षक जीडी के पद के लिए अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में पत्र भेजा गया है। इस पत्र में नियुक्ति संबंधी सहमति, शिक्षा, जाति, निवास प्रमाण-पत्र एवं आधार कार्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है।
क्या था पूरा मामला ?
बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में हुए सांप्रदायिक हिंसा की घटना 8 अप्रैल, 2023 को हुई थी। करीब 8 महीने पहले 8 अप्रैल, 2023 को बिरनपुर में दो गुटों हिंसक झड़प में भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, एक बच्चे से मारपीट के बाद दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया था। इस मामले में बिरनपुर और साज के कई गांव में दो हफ्ते तक कर्फ्यू लगा रहा और दोनों समुदाय के दर्जनों लोगों की गिरफ्तारियां हुईं थी। झड़प में जिस ईश्वर साहू की मौत हुई थी, उसी के छोटे भाई कृष्णा साहू के लिए सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए पत्र भेजा है। हालांकि, इससे पहले तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का ऐलान भी किया था, जिस ईश्वर साहू ने लेने से इनकार कर दिया था। कयास यही लगाए गए हैं कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस विषय में फाइल तेजी से चलने लगी है, क्योंकि बिरनपुर कांड में मारे गए भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू अब विधायक हैं।