इंदौर में जीनोम स्किवेंसिंग मशीन एक साल से ताले में बंद पड़ी, टेस्ट के लिए जरूरी केमिकल ही नहीं आए

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Pratibha Rana
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इंदौर में जीनोम स्किवेंसिंग मशीन एक साल से ताले में बंद पड़ी, टेस्ट के लिए जरूरी केमिकल ही नहीं आए

संजय गुप्ता, INDORE. आग लगने पर कुआं खोदने वाली बात सरकारी सिस्टम पर बिल्कुल सही बैठती है। कोविड का जब दौर था, तब शासन, प्रशासन ने इंदौर में जीनोम स्किवेंसिंग लैब शुरू करने के लिए कई घोषणाएं की, प्रयास किए और और इसके बाद फिर सब ठंडा पड़ गया। डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए मशीन भी इंदौर को दे दी, लेकिन अधिकारी अभी तक इसमें लगने वाले जरूरी केमिकल ही नहीं ले पाई, जिसके चलते यह ताले में बंद है। अब फिर कोविड का हल्ला हुआ तो इंदौर से सेंपल टेस्ट के लिए भोपाल की लेब में भेजे जा रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज डीन बोले, अभी भोपाल जा रहे सेंपल

मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि WHO से यह मशीन मिली थी। नेशनल कम्युनिकल डीसिज सेंटर से जरूरी केमिकल आना है। अभी केंद्र ने भोपाल एम्स में जीनोम स्किवेंसिंग के लिए व्यवस्था की है, इसलिए वहीं पर सेंपल भेजे गए हैं।

एमआरटीबी में बनाया आईसोलेशन वार्ड

उधर केंद्र और राज्य सरकार के अलर्ट के बाद इंदौर ने कोविड को लेकर व्यवस्थाएं करना शुरू कर दी है। इसके लिए एमआरटीबी अस्पताल में एक 10 बैड का आईसोलेशन वार्ड अलग से बना लिया गया है और एक आईसीयू भी 6 बिस्तर का अलग कर दिया गया है। डीन डॉ. दीक्षित और और एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने कहा कि हमारी व्यवस्थाएं पूरी है, ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है।

बस सतर्क रहें, इंदौर में एक्टिव केस एक ही बचा, दो ठीक हुए

वहीं नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि तीन मरीज एक्टिव केस थे। इसमें सभी होम आईसोलेशन में थे, जिसमें दो ठीक हो भी चुके हैं। केवल एक ही एक्विटव केस इंदौर में हैं। घबराने की कोई बात नहीं है। सर्दी, जुकाम हुआ है तो घर पर रहें और मास्क पहनें, ताकि दूसरों को संक्रमण नहीं हो।

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