Bhopal. मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर 7 वर्षों से रोक लगी हुई है। यह रोक पदोन्नति में आरक्षण मामले के चलते लगी है। ऐसे में राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसका 3 लाख कर्मचारियों को सीधा-सीधा लाभ होगा। खास बात यह भी है कि समयमान वेतनमान के तहत यदि किसी कर्मचारी का वेतन पहले से कम हो जाएगा तो उस स्थिति में उसे वर्तमान वेतन ही मिलता रहेगा।
अधिकारियों को कम बाबुओं को ज्यादा फायदा
बता दें इस आदेश का सबसे ज्यादा लाभ बाबुओं को होना है। नौकरी की शुरुआत में 40,754 रुपए पाने वाले बाबू 35 साल में चौथा समयमान वेतनमान मिलने के बाद 95,566 रुपए वेतन के तौर पर हर माह पाएंगे। दरअसल प्रमोशन पर लगी रोक के कारण अधिकारी कर्मचारी बिना पदोन्नत हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जिसके चलते सरकार ने यह तोड़ निकाला है।
1 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार के इस फैसले से 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। सरकार ने पदोन्नति न मिलने पर 10 साल से 35 साल की सर्विस पूरी कर चुके कर्मचारियों को उच्चतर पदों का वेतनमान देने का फैसला लिया है। बता दें कि प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग में डिप्टी कलेक्टर और वित्त सेवा के अफसरों को आईएएस के सामन 5 स्तरीय वेतनमान दिया जा रहा है। राज्य पुलिस सेवा संवर्ग में डीएसपी के लिए भी चार स्तरीय रचनाक्रम वेतनमान दिया जा रहा है। जिसे अब 5 स्तरीय करने की घोषणा की जा चुकी है।
उधर अंडर सेक्रेटरी के क्लास-वन के पद पर भर्ती होने वाले अधिकारियों का भर्ती के समय वेतन 96,560 रुपए होगा। इस पद को चौथा समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है। ऐसे में 35 साल सेवा के बाद इन्हें 1,83,180 रुपए वेतन के तौर पर मिल सकेंगे, जबकि वेतनमान में 2.18 लाख रुपए प्रतिमाह मिलना थे।
माना जा रहा है कि सरकार ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों-कर्मचारियों को संतुष्ट करने यह फैसला लिया है। प्रदेश में पदोन्नति पर कितने समय तक रोक रहती है, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में इस फैसले से अधिकारियों-कर्मचारियों को उतना नुकसान नहीं होगा।