Ujjain. मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन में अपने ही मंत्री मोहन यादव को करारा झटका दिया है। दरअसल मोहन यादव पर आरोप लगा था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी और अपने परिजनों की कृषि भूमि सिंहस्थ क्षेत्र से बाहर कराते हुए उसे आवासीय करा लिया था। जिससे उसकी कीमत करोड़ों रुपए में हो गई थी। बीजेपी की जिला कोर कमेटी की बैठक में पूर्व मंत्री पारस जैन और पूर्व सांसद ने यह शिकायत सीएम से की थी। जिसका असर हुआ है और सरकार ने कार्रवाई करते हुए 148.66 हेक्टेयर जमीन को आवासीय किए जाने के मामले में उक्त जमीन को दोबारा कृषि भूमि कर दिया है।
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यह था मामला
उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आरक्षित की गई 872 एकड़ जमीन में से 148.66 हेक्टेयर जमीन को मास्टर प्लान में सिंहस्थ से बाहर कर दिया गया था। यह जमीन मंत्री मोहन यादव और उनके परिजनों की थी। जिसकी शिकायत भी की गई थी। पूर्व मंत्री पारस जैन और पूर्व सांसद ने बैठक में सीएम से कहा था कि उज्जैन में सबको मालूम है कि क्या हुआ है? और इससे बहुत गलत संदेश जा रहा है? इस दौरान बैठक में मंत्री मोहन यादव भी पारस जैन पर बिफर पड़े थे। जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि उज्जैन के मास्टर प्लान से सिंहस्थ के आयोजन में कोई भी असुविधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
निरस्त हुआ फैसला
सीएम शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देश के बाद अधिकारियों ने सिंहस्थ क्षेत्र के अंतर्गत सेटेलाइट टाउन के लिए आरक्षित भूमि को आवासीय करने के फैसले को निरस्त कर दिया। परीक्षण के बाद यह तथ्य संज्ञान में आया कि इस क्षेत्र के आवासीय घोषित होने पर सिंहस्थ के लिए पार्किंग समेत अन्य कई सुविधाओं के लिए भूमि की उपलब्धता कराने में कठिनाई होगी। इसके अलावा सिंहस्थ बायपास उज्जैन नगर के पश्चिम से उत्तर की ओर बाहरी क्षेत्र से गुजरता है, जो कि पड़ाव क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि तक आवागमन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस फैसले के बाद मंत्री मोहन यादव को बड़ा झटका लगा है। उनकी जमीन आवासीय से कृषि हो जाने पर तो नुकसान होगा ही, साथ ही मुख्यमंत्री के सामने उनकी बुरी तरह किरकिरी हो चुकी है।