Rewa. रीवा में थाना प्रभारी को गोली मारने वाले सब इंस्पेक्टर बृजराज सिंह की कुंडली किसी बेलगाम दरोगा से कम नहीं है। बताया जाता है कि 24 साल की सर्विस में उसे 69 बार विभागीय सजा दी जा चुकी थी। अब 70वीं सजा में उस पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है, उसने अपने सीनियर अधिकारी को गोली जो मार दी। ऐसा भी नहीं है कि बीआर सिंह ने अपनी सर्विस में केवल सजा ही पाई, उससे 77 बार पुरस्कृत भी किया गया था। मामले की छानबीन कर रही पुलिस की टीम उस वक्त हैरत में पड़ गई जब बीआर सिंह के कब्जे से 2 रिवॉल्वर बरामद हुईं, नियम के मुताबिक एक दरोगा को एक ही रिवॉल्वर या पिस्टल दी जा सकती है। अब पुलिस दूसरी रिवॉल्वर की गुत्थी भी सुलझाने में उलझी हुई है।
टीआई की हालत खतरे से बाहर
बताया जा रहा है कि आरोपी एसआई बृजराज सिंह उसे लाइन अटैच किए जाने से झल्लाया हुआ था। जबकि टीआई ने मौखिक तौर पर ही उसे लाइन अटैच किए जाने का फरमान सुनाया था। इस पर बीआर सिंह ने आपा खो दिया और टीआई एचएन मिश्रा को उसी के चैंबर में गोली मार दी थी। गोली शर्मा के कंधे पर लगी थी, इसके बाद भी सिंह लहूलुहान मिश्रा के माथे पर निशाना लगाकर खड़का हुआ था। इधर भोपाल से आए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर शर्मा की जान बचा ली है। वे खतरे से बाहर हैं। वहीं रीवा के डीआईजी ने एसपी और एडीशनल एसपी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर बीआर सिंह की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए हैं।
रिटायर्ड टीआई ने गुस्सा शांत कराया
बताया जा रहा है कि घटना के बाद बीआर सिंह ने खुदको टीआई के चैंबर में बंद कर लिया था। उसके तेवर देख पुलिस भी पसोपेश में थी, अधिकारियों को बताया गया कि बृजराज रिटायर्ड टीआई एपी सिंह की बात मान लेगा। जिसके बाद एसपी ने एपी सिंह को बुलवाया। किसी तरह एपी सिंह ने बृजराज से केबिन का दरवाजा खुलवाया, फिर बृजराज की गिरफ्तारी हो पाई।
हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
पुलिस ने एसआई बीआर सिंह पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि एसआई बीआर सिंह ने गंभीर अपराध किया है। सर्विस रिवॉल्वर से थाना प्रभारी को जान से मारने की नियत से गोली मारी। यह कृत्य अनुशासित बल के प्रतिकूल है। एडीशनल एसपी ने यह भी लिखा है कि मामले की अलग से विस्तृत जांच की आवश्यकता नहीं है। जिसके बाद डीआईजी ने बर्खास्तगी के आदेश जारी भी कर दिए हैं।