LUCKNOW. उत्तरप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह एक बार फिर विवादों में है। दरअसल लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर मंत्री जी की गाड़ी को सीधे प्लेटफार्म तक पहुंचाया गया। जीआरपी ने मंत्री के लिए सारे नियम शिथिल कर दिए। मंत्री के इस रवैए से आम रेल यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। पहले तो ऐसी किसी भी घटना से मंत्री द्वारा इनकार किया जाता रहा। लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सच्चाई सबके सामने आ गई। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मंत्री धर्मपाल सिंह की कार दिव्यांगों के लिए बनाए गए रैंप पर चढ़कर प्लेटफार्म तक पहुंची थी।
बारिश के कारण तोड़े नियम
दरअसल घटना के वक्त लखनऊ में बारिश चल रही थी, कहा जा रहा है कि मंत्री जी भीग न जाएं, मौके पर मचे कीचड़ में उनके जूते न सन जाएं इसलिए अपने सुरक्षा गार्ड्स से कहकर मंत्री जी ने जीआरपी को गाड़ी प्लेटफार्म तक ले जाने की बात कहकर गाड़ी प्लेटफार्म तक पहुंचवा दी थी। जीआरपी के जवानों को मंत्री की नकी गाड़ी को प्लेटफॉर्म पर चढ़ने से रोकना था। वह भी सलामी ठोंकने में व्यस्त हो गए। थोड़ी देर में प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आई और मंत्रीजी सवार होकर चले गए।
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विपक्ष ने किया तंज
मंत्री धर्मपाल सिंह के इस रवैए पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तंज किया है। उन्होंने वीडियो को टैग करते हुए लिखा है कि अच्छा हुआ कि ये बुलडोजर से स्टेशन नहीं गए थे। यात्रियों ने भी मंत्री की इस नजाकत पर नाराजगी जताई है। उनका कहना था कि अचानक रेलवे प्लेटफार्म पर मंत्री की फॉर्चूनर गाड़ी पहुंच गई। जिस कारण यात्रियों को काफी असुविधा हुई। ऐसे ही एक यात्री ने यह वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
मंत्री को जाना था बरेली
जानकारी के मुताबिक मंत्री धर्मपाल सिंह को पंजाब मेल पकड़ी थी। वे बरेली जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। बारिश के बीच ड्राइवर ने उनकी गाड़ी दिव्यांगों के लिए बनाए रैंप के जरिए प्लेटफार्म तक पहुंचा दी। यही नहीं जब तक मंत्री ने ट्रेन पकड़ नहीं ली, तब तक उनकी कार प्लेटफॉर्म पर ही खड़ी रही। उधर मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि वे बरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने स्टेशन गए थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उधर जीआरपी के अधिकारी यह सफाई दे रहे हैं कि मंत्री ने गाड़ी को केवल ऐस्कलेटर तक ले जाने की अनुमति मांगी थी। ऐस्कलेटर तक गाड़ियां जाती हैं। अधिकारी ने बताया कि मंत्री के स्टाफ ने इस बाबत फोन किया था, लेकिन गाड़ी दिव्यांगों के रैंप पर कैसे चढ़ गई यह बताना मुश्किल है।