जबलपुर में जनता को नहीं मिल पा रहा स्मार्ट सिटी की 100 करोड़ की परियोजनाओं का फायदा, खुद महापौर उठा रहे सवाल

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Vikram Jain
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जबलपुर में जनता को नहीं मिल पा रहा स्मार्ट सिटी की 100 करोड़ की परियोजनाओं का फायदा, खुद महापौर उठा रहे सवाल

वेंकटेश कोरी, JABALPUR. जबलपुर शहर के विकास के लिए शुरू किए कामों का लाभ जनता को नहीं मिल रहा है। जबलपुर नगर निगम सीमा में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 100 करोड़ की परियोजनाओं का जनता इस्तेमाल ही नहीं कर पा रही है। करोड़ों की राशि खर्च कर कई परियोजनाओं को पूरा तो किया गया है लेकिन इनका आम जनता इस्तेमाल ही नहीं कर पा रही है। अब तो हालत यह हो गई है कि जबलपुर नगर निगम के महापौर भी स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बात चाहे राइट टाउन स्टेडियम को अत्याधुनिक स्वरूप देने की हो या फिर शहर के अलग-अलग हिस्सों में करीब 20 करोड़ की लागत से तैयार मिनी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की, ये तमाम परियोजनाएं पूरी जरूर हुई है लेकिन इन्हें जनहित में शुरू ही नहीं कराया जा रहा है।

मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स से लेकर ओपन थिएटर, ऐतिहासिक धरोहर पड़े वीरान

स्मार्ट सिटी के द्वारा शहर विकास से लेकर नागरिक सुविधाओं से जुड़े काम तो कराए ही गए हैं साथ ही कई काम नवाचार के रूप में कराए गए हैं, इसके अलावा खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए भी करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई है। शहर के बीचों-बीच स्थित राइट डाउन स्टेडियम के नाम से मशहूर पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम के कायाकल्प में भी कई करोड़ की राशि खर्च की गई है इसमें अकेले एथलेटिक ट्रेक निर्माण में ही करीब 8 करोड़ रुपए की रकम खर्च हुई है, इसके अलावा शहर के अलग-अलग हिस्सों में चार मिनी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स भी बनकर तैयार हैं लेकिन अब तक इनका जनहित में इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। जबलपुर के ऐतिहासिक इमारतों में शुमार 100 साल पुरानी धरोहर राजा गोकुलदास धर्मशाला का भी कायाकल्प किया गया, कोशिश की गई थी कि इस ऐतिहासिक इमारत का कायाकल्प कर वहां कैफेटेरिया संचालित किया जाएगा लेकिन इसका लाभ भी आम जनता को नहीं मिल पा रहा है।

संचालन को लेकर हो रही हीलाहवाली

आज की तारीख में जबलपुर स्मार्ट सिटी के द्वारा करीब 80 करोड़ की लागत से तैयार इमारतों का जनहित में इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि तमाम परियोजनाओं के पूरा होने के बावजूद भी इन्हें आम जनता के लिए नहीं खोला गया है अधिकारी यह दलील दे रहे हैं कि इनके संचालन के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं जबकि निगम के पास इतने कर्मचारी भी नहीं है कि वह अपने स्तर पर इनका संचालन शुरू कर दे, ऐसे में करोड़ों की लागत से पूरी हुई परियोजनाओं के उपयोग के लिए शहर वासियों का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है।

अब महापौर भी उठा रहे हैं सवाल

स्मार्ट सिटी के द्वारा पूरी कराई गई परियोजनाओं को लेकर आम जनता और विपक्ष से जुड़े नेता तो शुरू से ही हो हल्ला मचाते आ रहे हैं लेकिन अब खुद जबलपुर के महापौर भी इस पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं। जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का आरोप है कि एक तो तमाम परियोजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है और ऊपर से जो काम पूरे भी हो चुके हैं उनका संचालन नहीं हो पा रहा है जिससे आम जनता को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जो भी प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं उन्हें जनहित में खोल दिया जाना चाहिए।

कलेक्टर ने ली क्लास, किया निरीक्षण

स्मार्ट सिटी के बेढंगे काम और इनकी लेट लतीफी पर कलेक्टर भी खासे नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों ही जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को तलब किया और बिंदुवार विकास कार्यों की समीक्षा की, इतना ही नहीं वे दूसरे ही दिन परियोजनाओं को देखने खुद ही फील्ड पर उतरे और जल्द से जल्द बचे हुए कामों को पूरा करने के अलावा जो प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं उनका जनहित में जल्द से जल्द संचालन शुरू कराए जाने के भी निर्देश दिए।

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