मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने जिन सीटों पर बदली टिकट, वहां बागियों की बगावत दे रही टेंशन, किये कराए पर पानी न फेर दें ये सीटें

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Chandresh Sharma
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मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने जिन सीटों पर बदली टिकट, वहां बागियों की बगावत दे रही टेंशन, किये कराए पर पानी न फेर दें ये सीटें

BHOPAL. मध्यप्रदेश में मतदान हो चुका है, फैसला स्ट्रॉंग रूम में पड़ी ईवीएम मशीनों में कैद है। एमपी में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस को अब उन सीटों की टेंशन हो रही है, जहां पार्टी ने एक बार प्रत्याशी घोषित करने के बाद टिकट बदल दिया था। हाथ आया निवाला मुंह से छिन जाने की कसक में पहले घोषित किए गए ज्यादातर उम्मीदवार बागी हो गए। ऐसे बागियों की बगावत ने इन सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की परिस्थिति ला दी। अब कांग्रेस को यह टेंशन है कि सारे करे कराए पर ये करीब आधा दर्जन सीटें पानी न फेर दें।

यहां-यहां बदली गई सीटें

इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 7 ऐसी सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा के बाद टिकट बदले थे, जहां कांग्रेसी कार्यकर्ता विरोध का झंडा बुलंद कर रहे थे। कमलनाथ के बंगले का घेराव कर रहे थे तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की फोटो पर जूते बरसाकर अपना रोष प्रगट कर रहे थे। ये 7 सीटें गोटेगांव, दतिया, पिछोर, सुमावली, पिपरिया, बड़नगर और जावरा की सीटें शामिल थीं।

यहां बागी हो गए पुराने प्रत्याशी

ऐसे नेता जिन्हें टिकट देकर वापस ले लिया गया उनमें से शेखर चौधरी- गोटेगांव और कुलदीप सिकरवार- सुमावली की सीट पर बागी हो गए। जहां बगावत नहीं हुई वहां भितरघात और अंदरूनी विरोध के कारण मुकाबला कांटे का चला। जाहिर बात है कि इससे फायदा बीजेपी को ही मिला है।

एक-एक सीट है कीमती

सारे ओपीनियन पोल और सर्वे यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में इस मर्तबा मुकाबला कांटे का है। बीजेपी या कांग्रेस दोनों ही दल उंगलियों पर गिने जा सकने वाले बहुमत से सरकार बना पाएंगे। एग्जिट पोल के रुझान अभी चुनाव आयोग की बंदिश के चलते उजागर नहीं किए गए हैं। ऐसे में कांग्रेस इस असमंजस में है कि 7 सीटों पर उम्मीदवार को बदलने का फैसला कहीं घातक साबित न हो जाए।

MP News कांटे की टक्कर का है मुकाबला टिकट में बदलाव न पड़ जाए भारी कमलनाथ-दिग्गी की टेंशन competition is close to home change in ticket may prove costly Kamalnath-Diggy's tension एमपी न्यूज