द सूत्र का खुलासा- इंदौर के बिल्डर मुकेश-अभिषेक जवेरी के साथ निगम अधिकारियों की मिलीभगत, करोड़ों की मिट्टी कॉलोनी में डलवाई

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द सूत्र का खुलासा- इंदौर के बिल्डर मुकेश-अभिषेक जवेरी के साथ निगम अधिकारियों की मिलीभगत, करोड़ों की मिट्टी कॉलोनी में डलवाई

संजय गुप्ता, ज्ञानेंद्र पटेल, Indore. इंदौर के पुराने और सबसे बड़े बिल्डरों में से एक जवेरी ग्रुप के मुकेश जवेरी और अभिषेक जवेरी की तालाब की मिट्‌टी खोदकर अपनी कॉलोनी की जमीन पर डालने का भंडाफोड़ द सूत्र की टीम ने किया है। लगातार सात दिन तक टीम ने यहां तालाब पर नजर रखी और पड़ताल की यह मिट्‌टी खोदकर कहां डाली जा रही है। अभी तक वह करोड़ों की मिट्‌टी चोरी कर चुके हैं। इसमें सामने आया कि जवेरी ग्रुप द्वारा यह मिट्‌टी नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके खोदी जा रही है। इस मामले में द सूत्र ने लगातार इंजीनियर सुनील गुप्ता से बात की तो उन्होंने माना कि जवेरी यह खुदाई करा रहे हैं और उन्हें पहले भी मना किया था, लेकिन गुप्ता ने खुदाई नहीं रूकवाई। इस मामले में द सूत्र की टीम ने सारी जानकारी निकालने के बाद निगमायुक्त हर्षिका सिंह से शुक्रवार सुबह बात की और उन्हें जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने तत्काल मौके पर टीम को भेजा और खुदाई कर रहे वाहनों को जब्त किया। उधर प्रशासन और खनिज विभाग इस अवैध खनन मामले में सोया हुआ है। 



तालाब से लगी हुई है जवेरी की जमीन




तालाब के पास ही जवेरी सर्वे नंबर 30 व 31 की जमीन है। यहां पर किसानों ने बताया कि जवेरी द्वारा लंबे समय से यहां से मिट्‌टी निकालकर अपनी जमीन पर डाली जा रही है। खुद वहां खुदाई कर वाहनों में मिट्‌टी डालने वालों ने बताया कि जवेरी के कहने पर वह यह कर रहे हैं। हद तो यह है कि खुद इंजीनियर सुनील गुप्ता से जब फोन पर द सूत्र की बात हुई तो वह खुद मान रहे हैं कि यह जवेरी करा रहे हैं और उन्हें पहले भी मना किया था, मैं फिर उन्हें समझाता हूं और खुदाई बंद कराता हूं। गुप्ता ने लगातार दो बार यह बात द सूत्र की टीम से कही। 




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    जोनल अधिकारी जोन 13 के गितेश तिवारी ने कहा कि तालाब एरिया में मिट्‌टी खोदने की जानकारी सामने नहीं आई, आपकी सूचना पर यहां आया हूं, पोकलेन व वाहन जब्त कर थाने में रखवा रहे हैं। यह मिट्‌टी पास में ही जमीन पर डाली जा रही है, देख रहे हैं कि जमीन किसकी है। मस्टरकर्मी राहुल सिलावट यहां देखते हैं। तिवारी ने इसमें मिलीभगत होने और कमीशन मिलने की बात पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह झूठ बात है। 



    एक डंपर मिट्‌टी पांच हजार की, रोज कई डंपर वाहन मिट्‌टी निकल रही




    एक डंपर मिट्‌टी करीब पांच हजार रुपए की पड़ती है, यहां हर दिन 40-50 डंपर वाहन मिट्‌टी लगातार निकालकर चोरी की जा रही है। यानि हर दिन ही जवेरी ग्रुप द्वारा 20-25 लाख की मिट्‌ट की चोरी की जा रही है और इस काम में तीन-चार डंपर, ट्राली, पोकलेन, जेसीबी लगा रखी है। तालाब की मिट्‌टी बिना जिला प्रशासन, नगर निगम की मंजूरी से खोदी ही नहीं जा सकती है। प्रशासन द्वारा शर्तों के साथ मंजूरी दी जाती है, ताकि तालाब का गहरीकरण हो सके और उनकी चैनल्स साफ हो सकंे, इसमें भी निगरानी होती है और यह मिट्‌टी बेची नहीं जा सकती है, ना ही कॉलोनी के उपयोग में आ सकती है। यह मिट्‌टी किसान अपनी जमीन पर खेती के उपयोग में ही डाल सकता है।


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