JAIPUR. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आए अभी मुश्किल से 20 दिन हुए हैं लेकिन पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों का बड़बोलापन अभी से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी करता दिख रहा है। पार्टी के विधायक सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिकारियों को धमकाते नजर आ रहे हैं वहीं सत्ता में आने के बाद से चर्चा में बने हुए एक संत विधायक लोगों को चार बच्चे पैदा करने की सलाह दे रहे हैं।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद ने लिखा सीएम को पत्र
राजस्थान में 3 दिसंबर को मतगणना के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में लौट आई। इस बार पार्टी के कई नए विधायक जीत कर आए हैं और इनमें से कुछ के बयान और बड़बोलापन अभी से पार्टी के लिए परेशानी खड़ी करता दिख रहा है। हालांकि विधायकों की ओर से अधिकारियों को दी जाने वाली चेतावनी जनता के काम के लिए ही हैं, लेकिन जिस तरह से चेतावनियां दी जा रही है उसे लेकर अधिकारियों में रोष है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति भी की है और कहा है इसी तरह चलता रहा तो अधिकारियों का फील्ड में काम करना मुश्किल हो जाएगा।
विधयक ने महिला एसडीएम से कहा नौकरी में दिक्कत हो जाएगी
शाहपुरा से बीजेपी विधायक लालाराम बैरवा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक महिला एसडीएम को धमकाते नजर आ रहे हैं। भीलवाड़ा के रायला में विकसित भारत यात्रा शिविर के दौरान विधायक बैरवा ने बनेड़ा उपखंड अधिकारी नेहा छीपा से अवैध कोयला भट्टियों को बंद करने के संबंध में सवाल पूछा। छीपा ने कहा हमने 91 को नोटिस (अतिक्रमण हटाने के लिए) जारी कर दिए हैं। इस जवाब पर बैरवा गुस्सा हो गए और कहा कि जब अतिक्रमण किया गया था, तब आपसे पूछा था क्या? एसडीएम ने मना कर दिया। बैरवा ने कहा जब अतिक्रमण करने के लिए पूछा नहीं जाता है, तो हटाने के लिए क्यों पूछा जाता है? मैं बात करूं कलेक्टर साहब से आपको तकलीफ हो जाएगी, नई नौकरी है, मैं फिर कह रहा हूं। आप बहस मत करिए। आप किस से बात कर रहे हैं आपको पता है? इस पर उपखंड अधिकारी ने जवाब दिया कि नियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता ने हमें उनके काम करने लिए चुनकर भेजा है। जनता की सुनवाई होनी चाहिए, उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। पहले कैसे भी काम कर रहे थे, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। अब सरकार बदल गई है तो अपने काम में भी बदलाव लाएं, नहीं तो अपना इंतजाम कर लें। लालाराम बैरवा केकड़ी के श्यामपुरा में टीचर थे और वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा है।
कार्यक्रम के दौरान लाइट गई तो विधायक ने कहा हाथों हाथ सस्पेंड कर दूंगा
वहीं जोधपुर के शेरगढ़ से बीजेपी के विधायक बाबूसिंह राठौड़ एक सप्ताह पहले बालेसर पंचायत समिति कि बावरली ग्राम पंचायत से विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ करने पहुंचे तो भाषण शुरू करते ही वहां की लाइट कट गई। इस पर उन्होंने अधिकारियों से कहा की अब ऐसे नहीं चलेगा, हाथों-हाथ सस्पेंड कर दूंगा। व्यवस्थाएं पहले दुरस्त क्यों नहीं की। इसके बाद उन्होंने पेयजल की समस्या पर बात करते हुए कहा कि जनता ने अपना काम मुझे वोट देकर कर दिया। अब जनता की पीड़ा उठाना पांच साल तक मेरा काम हैं। काम में कोताही पर उन्होंने वहां मौजूद जेईएन से कहा मैं बर्दाश्त नही करूंगा। आप बैठे-बैठै तनखा खा रहे हो। अब आप झूठ नहीं बोल सकते, गुमराह नहीं कर सकते। अब सुन लो आप सब, आप जितने अधिकारी बैठे हो, सुन लो एक्सईएन साहब, आज से जनता आपकी मालिक है। आप उनके नौकर हो।
बच्चे चार भी हो गए तो कोई चिंता की बात नहीं सबका भाग्य परमात्मा लिखते हैं
वहीं चुनाव जीते ही जयपुर के बाजारों में मांस की अवैध बिक्री रोकने को लेकर चर्चा में आए बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें वह लोगों को चार बच्चे पैदा करने की सलाह देते नजर आ रहे हैं। जयपुर के बंध की घाटी स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में वरिष्ठ नागरिकजन, प्रतिभाशाली विद्यार्थी व रक्तदाताओं के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बीजेपी विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि हम दो बच्चों की बात करते हैं, लेकिन अगर चार हो भी गए तो कोई चिंता की बात नहीं है। सबका भाग्य ऊपर बैठे परमात्मा लिखते हैं। हम लोग हम दो हमारे दो के चक्कर में पड़े हैं और कुछ लोग चार बेगम 36 बच्चों में पड़े हैं। मौजूदा आलम ये है कि लोगों के पास बच्चे एक और मकान 4 हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन मकानों में कौन रहेगा?
जनसंख्या वृद्धि की ओर अग्रसर होना जरूरी
विधयक ने कहा कौन फौज में जाएगा, कौन पुलिस में जाएगा, कौन देश की रक्षा करेगा और कौन व्यापार संभालेगा इसकी भी हमें चिंता करनी चाहिए और पुरानी रटी रटाई परंपराओं को दरकिनार कर जनसंख्या वृद्धि की ओर अग्रसर होना चाहिए। स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि पुलिस फौज में हमारा आदमी नहीं जाएगा तो सुरक्षा कौन करेगा। इसलिए स्थिति को समझिए और हम दो हमारे दो के चक्कर में मत पड़िए, सबका भाग्य परमात्मा ने लिखा है। हम दो हमारे चार हो तो कोई चिंता नहीं। गौरतलब है कि बालमुकुंद आचार्य परिणाम के दूसरे दिन ही जयपुर के बाजारों में मांस के अवैध बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करते नजर आए थे हालांकि बाद में उन्हें इसे लेकर एक स्पष्टीकरण भी जारी करना पड़ा था।
अधिकारियों ने लिखा सीएम को पत्र
उधर विधायकों द्वारा सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों से गलत ढंग से व्यवहार किए जाने के मामले में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का विरोध सामने आया है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष गौरव बजाड़ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि इन हालात में अधिकारियों के लिए फील्ड में काम करना कठिन है। इस प्रकार का व्यवहार किया जाना पूर्णतया अशोभनीय है। इस मामले में उचित निर्देश प्रदान किए जाएं ताकि ऐसी घटना दोबारा ना हो।