संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में धार रोड स्थित श्री बाल विज्ञान शिशु विहार में शनिवार को तिलक लगाकर आए छात्रों को टीचर ने भगा दिया। इसके पहले भी उन बच्चों को मुंह धोकर आने के लिए कहा गया था। इसी बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परिजनों ने भी स्कूल पहुंचकर इसका विरोध जताया, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने यह कहकर अपने आदेश को सही बताया कि तिलक पर बैन नहीं, लेकिन यह शिक्षा का मंदिर है और यहां पर धर्मवाद नहीं चलेगा। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि स्कूल धर्म के आधार पर नहीं चलता है, यह शिक्षा का मंदिर है।
परिजन का आरोप चांटे मारकर भगाया
बच्चों के परिजन के आरोप है कि जब बच्चे तिलक लगाकर पहुंचे तो स्कूल की टीचर पद्मा सिसौदिया ने चांटे मारकर भगा दिया और कहा कि जो करना है घर करो, यहां नहीं चलेगा। एक दिन पहले भी बच्चों को मुंह धोकर आने के लिए कहा था। परिजन ने नाराजगी जाहिर की तो उन्हें दो टूक कह दिया कि हमारे यहां धर्मवाद नहीं चलेगा। प्रिंसिपल ओमप्रकाश सिंगी तिलक पर बैन हटाने के लिए तैयार नहीं हुए। बोले- ये हमारा अधिकार है स्कूल में धर्मवाद नहीं फैले। प्रिंसिपल सिंगी ने कहा कि यहां तो हमारा ही नियम चलेगा। तिलक पर बैन का कोई नियम नहीं है, लेकिन हम धर्मवाद नहीं फैलने देंगे। परिजन का कहना है कि सावन में बच्चे सुबह मंदिर होते हुए स्कूल जाते हैं। इस पर किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। प्रिंसीपल ने परिजनों से कहा कि मैं भी बचपन से संघ से जुड़ा रहा हूं, लेकिन स्कूल के अंदर यदि बच्चे धार्मिकता लेकर आएंगे तो शिक्षण क्या होगा?
परिजन से लेकर स्कूल ने कलेक्टर को दी जानकारी
प्रिंसीपल से बात करने को लेकर भी परिजन के साथ मोहल्ले के कई लोग पहुंच गए, जिसे लेकर टीचर्स के साथ उनका विवाद हुआ। टीचर्स ने सख्ती से कहा कि केवल अभिभावक ही प्रिंसीपल से मिलेंगे। उनकी पूरी बात सुनी जाएगी। लेकिन यह शिक्षा का मंदिर है। बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर परिजनों ने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को जानकारी दी है। वहीं खुद प्रिंसीपल का कहना है कि हमने भी इस मामले में सभी स्थिति कलेक्टर को बता दी है, वह जैसा आदेश देंगे, हम वैसा पालन करेंगे।
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