JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले थर्ड ग्रेड के शिक्षकों के तबादले शुरु होने की आस अब खत्म हो चुकी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तबादला नीति तैयार कर रही है, जिसके बाद ही ट्रांसफर हो पाएंगे। हालांकि गंभीर रोग से पीड़ित शिक्षकों को अब भी राहत मिल सकती है। शिक्षक दिवस पर बिड़ला ऑडिटोरियम में शिक्षक सम्मान समारोह में सीएम अशोक गहलोत ने साफ कहा कि बिना नीति के तबादले गलत हैं।
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2.5 लाख शिक्षक ग्रेड-3 के
सीएम अशोक गहलोत ने यहां कहा कि प्रदेश में ग्रेड-3 के 2.5 लाख टीचर हैं। उनकी मांग है कि हमें गृहजिले में वापस लाया जाए। यह जिले की भर्ती है, भर्ती के समय शिक्षक जिला चुनता है। यह बड़ी समस्या है इसलिए ट्रांसफर की नई नीति बना रहे हैं। इसमें मैं सभी शिक्षकों से सहयोग चाहूंगा। सरकार चुनाव से पहले 20 या 30 हजार तबादले कर भी देगी तो आप खुश हो जाओगे। लेकिन बिना नीति के तबादले नहीं होना चाहिए। हर शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि उसका नंबर कब आएगा।
जनहित भी देखा जाएगा
सीएम अशोक गहलोत ने यहां कहा कि मैंने शिक्षा मंत्री को गुजरात-महाराष्ट्र की पॉलिसी अच्छे से स्टडी करने को कहा है। इसके बावजूद भी किसी शिक्षक को कैंसर या किडनी संबंधी बीमारी है तो शिक्षामंत्री उसे अपने स्तर पर देखेंगे। बाकी तबादले नीति बनने के बाद कर दिए जाएंगे। इसमें भी जनहित का ध्यान रखा जाएगा।
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लंबे समय से कर रहे इंतजार
बता दें कि ग्रेड-3 के शिक्षकों के तबादले साल 2018 में चुनाव से बदले किए गए थे। 5 साल से शिक्षक इंतजार कर रहे हैं। अगस्त 2021 में शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने तबादलों के आवेदन मांगे थे। इस प्रक्रिया के तहत 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था। लेकिन यह प्रक्रिया अब तक अंजाम तक नहीं पहुंच पाई।
शिक्षामंत्री बोले अन्य राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन किया जाएगा
इधर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा है कि हमने कई राज्यों की तबादला नीति को देखकर नीति तैयार की थी। अब सीएम ने कहा है कि इन नीतियों को और अच्छे से स्टडी करो। तो हम एक बार फिर पुनरीक्षण करेंगे। सीएम का गंभीर रोगों से ग्रस्त शिक्षकों को राहत देने का भी मन है।