Gwalior. जनता को पेयजल उपलब्ध कराने वाला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अपने एक दफ्तर में किए गए साढ़े 16 करोड़ के घोटाले से पानी-पानी हो रहा है। ग्वालियर के मेंटेंनंस खंड नंबर 1 के ईई ऑफिस में यह घोटाला सामने आया है। जहां अधिकारियों-कर्मचारियों ने सांठगांठ कर कर्मचारियों के खातों के नंबर कई बार बदले और फिर 71 फर्जी खातों के नंबर चढ़ा दिए। इन खातों में कर्मचारियों का वेतन और एरियर्स की राशि डाली गई और उसे निकालना पाया गया है। साथ ही बाजार से सामान खरीदी पर मिलने वाले बिल के जरिए भी काफी राशि डकारी गई है।
स्टेट सर्विलांस टीम ने पकड़ी गड़बड़ी
दरअसल सिवनी ट्रेजरार ऑफिस और उज्जैन जेल में हुए पीएफ घोटाले के बाद सर्विलांस टीम प्रदेश भर में सक्रिय है। इस टीम ने अब तक 14 जिलों में गड़बड़ियां पकड़ी हैं। इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद पीएचई ने जिले के सभी कार्यपालन यंत्रियों को अपने दफ्तर से हुए भुगतान की जांच कर प्रमाण पत्र देने को कहा है। पीएचई में इससे पहले जीपीएफ घोटाला भी सामने आ चुका है। हालांकि यह मामला 5 साल पुराना बताया जा रहा है। जिसके चलते कोषालय की टीम साल 2018 से 2023-24 वित्त वर्ष के सारे भुगतान की जांच कर रही है।
यह है मामला
दरअसल ग्वालियर के मेंटेनेंस खंड नंबर 1 के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस में अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत कर कर्मचारियों के खातों के नंबर कई बाद बदले और फिर अपात्र खातों को चढ़ा दिया। जिसमें भुगतान की राशि डालकर उसे हजम कर लिया गया। यहां तक कि स्टाफ सैलरी मद से भी राशि निकाली गई। अभी तक की जांच में कुल राशि 16 करोड़ 42 लाख रुपए सामने आई है। माना जा रहा है कि और गहराई से जांच होने पर यह राशि और भी बढ़ सकती है।
वित्त विभाग ने शुरु की जांच
इस घपले के उजागर होने के बाद आयुक्त कोष एवं लेखा ने संयुक्त संचालक कोष की अगुवाई में टीम गठित कर जांच शुरु करा दी है। उधर पीएचई भी अपनी विभागीय जांच करा रहा है। माना जा रहा है कि एक हफ्ते में जांच पूरी हो जाएगी। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई संभावित है।