कलाकारों के परिवार में हैं दो 'पद्मश्री' अब तीसरे के लिए मेहनत, गोंड परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं ट्राइबल आर्टिस्ट नरेश श्याम

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Vikram Jain
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कलाकारों के परिवार में हैं दो 'पद्मश्री' अब तीसरे के लिए मेहनत, गोंड परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं ट्राइबल आर्टिस्ट नरेश श्याम

वेंकटेश कोरी, JABALPUR. महाकौशल अंचल में हजारों साल की गोंड आदिवासी परंपरा से जुड़ी कलाकृतियों को देखकर हर कोई रोमांचित हो उठता है। आदिवासी लोककला की कलाकृति देखने वालों का मन मोह लेती है। घरों की साज सजावट से शुरू हुई इस परंपरा की लोकप्रियता अब तेजी से बढ़ती जा रही है, घरों की साज सजावट से शुरू हुई इस परंपरा की लोकप्रियता अब लगातार बढ़ती जा रही है, ट्राइबल आर्ट के जरिए अपना हुनर दिखाने वाले दो ट्राइबल कलाकारों को अब तक पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। मध्य प्रदेश के डिंडोरी के पाटनगंज गांव से ताल्लुक रखने वाले एक आदिवासी परिवार इस परंपरा को देश और दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है।

"जलम" में शामिल होने जबलपुर पहुंचे कलाकार

जबलपुर में इन दिनों आठवां "जलम" यानी जबलपुर आर्ट लिटरेचर एंड म्यूजिक फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। 27 से 29 दिसंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से चुनिंदा कलाकार पहुंचे हुए हैं। इसी आयोजन के दौरान 'द सूत्र' ने ट्राइबल आर्टिस्ट नरेश श्याम से खास चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि देशभर में आयोजित होने वाले आर्ट और लिटरेचर के आयोजनों में शामिल होते हैं और अपनी कला और हुनर का प्रदर्शन करते हैं।

पद्मश्री से सम्मानित हैं भज्जू श्याम और दुर्गाबाई श्याम

आदिवासी लोककला और संस्कृति की पेंटिंग बनाने के लिए कलाकार भज्जू सिंह श्याम को 2018 और दुर्गाबाई श्याम को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। अब इस परिवार के नरेश श्याम अब इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। नरेश श्याम का कहना है कि उनके परिवार में दो पद्मश्री आ चुके हैं और अब उनकी कोशिश है कि तीसरे पद्मश्री के लिए प्रयास किया जाए, उनका कहना है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती इसीलिए वे इसी मकसद से आगे बढ़ रहे हैं ताकि आगे जाकर उन्हें भी पद्मश्री हासिल हो सके।

घरों की साज सजावट से शुरू हुई ट्राइबल पेंटिंग

ट्राइबल आर्ट की शुरुआत हजारों साल पहले गोंड परिवारों के द्वारा घरों की साज सजावट से शुरू हुई थी। तीज त्योहारों से लेकर मांगलिक और अन्य विशेष आयोजनों के दौरान आदिवासी परिवारों में अपने घरों की लिपाई और उसमें पेंटिंग करने की परंपरा रही है इसी परंपरा ने आगे जाकर पेंटिंग का रूप ले लिया और अब इस पेंटिंग के जरिए कलाकार देश-विदेश में अपना नाम कमा रहे हैं।

पीएम मोदी से लेकर कई मुख्यमंत्रियों के आवासों में लगी है पेंटिंग

ट्राइबल आर्टिस्ट नरेश श्याम द्वारा की गई पेंटिंग इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेडरूम की भी शोभा बढ़ा रही है। ट्राइबल आर्ट के कलाकार नरेश श्याम के मुताबिक उन्होंने अब तक कई ऐसी पेंटिंग बनाई हैं जो कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से लेकर कई विशिष्ट जनों को भेंट की गई है और वे अब उनके सरकारी आवासों की शोभा बढ़ा रही हैं।

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