DANTEWADA. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में आज स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी तरह बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी 15 अगस्त मनाया गया। दंतेवाड़ा जिले में एक ऐसा गांव है, जहां 16 साल बाद तिरंगा फहराया गया, यहां पहले नक्सली अपना झंडा फहराते थे। दरअसल, बस्तर में नक्सल प्रभावित बुरगुम गांव में जहां कभी नक्सलियों की हूकूमत चलती थी, अब वहां बदलाव नजर आने लगा है। स्वतंत्रता दिवस पर बुरगुम गांव के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नक्सली फरमान को दरकिनार करते हुए पुलिस-जवानों की मौजूदगी में इस बार ध्वजारोहण किया और आजादी का जश्न मनाया। इस दौरान भारत माता और वंदे मातरम के जय कारे भी लगाए गए।
16 साल बाद तिरंगा फहराया
दरअसल, नक्सलियों के गढ़ में जवानों की मौजूदगी के बीच ग्रामीण बिना किसी डर के आजादी के महापर्व में शामिल हुए। जवानों ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि हम आपके साथ है, सरकार आपके साथ है। वे नक्सलियों के बहकावे में नहीं आए। विकास के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़े। गांव के लोगों ने तिरंगा फहराकर ये बता दिया कि यहां गन नहीं गणतंत्र की जरूरत है। 2007 तक बुरगुम गांव में भी हर्ष उल्लास के साथ 15 अगस्त और 26 जनवरी मनाया जाता था,लेकिन 2007 में यहां के सरकारी भवन, आश्रम, पंचायत भवनों को ध्वस्त कर नक्सलियों ने बुरगुम तक पहुंचने वाले रास्ते को काट दिया था। इस घटना के बाद से आज तक ये गांव जिला और ब्लाक मुख्यालय कुआकोंडा से कटा हुआ है।
नक्सली हमले रोकने 14 अगस्त से ही चल रही है सर्चिंग
बस्तर के नक्सल इलाकों में लगातार सर्चिंग की जा रही है। दंतेवाड़ा जिले के बुरगुम गांव में भी लोग आजादी का जश्न मना सकें, इसके लिए इस बार जवानों ने नदी-नालों को लांघ कर 14 अगस्त को यहां सर्चिंग अभियान तेज कर दिया था। इसके बाद 15 अगस्त को बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी में बुरगुम गांव के आंगनबाड़ी स्कूलों में तिरंगा फहराया गया।