संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) की स्कीम 171 के दायरे में 13 कॉलोनियों के हजारों पीड़ितों के प्लॉट शामिल है जो अभी तक स्कीम से मुक्त नहीं हुए हैं। इसके चलते यह कॉलोनियां अवैध की कैटेगरी में हैं और यहां भवन निर्माण की मंजूरी भी नहीं है। इसे लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे पुष्पविहार, श्री महालक्ष्मी नगर के रहवासी पीड़ित संघों ने हाल ही में आम सभा कर 30 जून तक चर्चा और फिर आंदोलन करने की घोषणा की थी। इसी के तहत इन संघों के पदाधिकारी भोपाल में प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई से मिले और उन्हें स्कीम से मुक्त करने संबंधी मांग पत्र सौंपा।
प्रमुख सचिव को बताया सीएम भी कर चुके हैं वादे
रहवासी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि भूमाफिया अभियान के तहत फरवरी-मार्च 2021 में जिला प्रशासन ने ही उन्हें यहां पर कब्जे सौंपे थे, इसके बाद सीएम ने आयोजन कर पीड़ितों की मदद करने की घोषणा की थी। आईडीए बोर्ड में पहले ही प्रस्ताव पास कर चुका है कि विकास शुल्क लेकर स्कीम से मुक्त किया जाएगा, इसके लिए साल 2020 में शासन ने विधान भी बना दिए इसके तहत केवल 2 समाचार पत्रों में शुल्क की जानकारी देकर प्रारूप जारी कर यह राशि संस्था से लेना है और स्कीम से मुक्त करना है। लेकिन इसके बाद भी 2 साल से यह काम आईडीए नहीं कर रहा है। इस पर पीएस ने कहा कि वह पता करेंगे कि आईडीए ने इस दिशा में अभी तक नियम होने के बाद भी कदम क्यों नहीं उठाए।
व्यक्तिगत एनओसी की बात की फिर पलट गए
पदाधिकारियों ने बताया कि आईडीए बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर पहले जांच कर सदस्यों को व्यक्तिगत एनओसी देने की बात कही लेकिन अब इससे भी पलट गए और शासन के पास मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजने की बात कही है। इस पर मंडलोई ने कहा कि उनके पास अभी तक कोई पत्र सामने नहीं आया है मैं इसकी जानकारी लेता हूं। कॉलोनियों की ओर से पदाधिकारी एनके मिश्रा, मनोज काला, संतोष शिम्पी, प्रेम माहेश्वरी, मुनेंद्र सिंह, राकेश मालवीय शामिल थे।
लंबी है मुक्ति की लड़ाई
पुष्पविहार, श्री महालक्ष्मी नगर के स्कीम से मुक्ति की लड़ाई एक-दो साल नहीं बल्कि 20 साल से ज्यादा लंबी है। पहले इसे स्कीम से मुक्त करने का आदेश हाई कोर्ट से आ चुका था, बाद में आईडीए ने स्कीम का नाम बदलकर स्कीम 171 के तहत यह जमीन ले ली। इसके बाद 2 बार नगर निगम में वैध करने का प्रस्ताव आ चुका, लेकिन अटका दिया गया। फरवरी 2021 के माफिया अभियान में आमजन के दस्तावेज जांच कर फिर कब्जे दिए गए। आईडीए ने भी प्रस्ताव पास कर दिया कि 5.48 करोड़ विकास शुल्क राशि लेकर स्कीम से मुक्त कर देंगे, बस शासन के नियम आ जाएं, बाद में शासन के नियम भी आ गए, लेकिन इसके बाद भी आईडीए ने प्रारूप ही जारी नहीं किया। कहा यह जा रहा है कि इससे भूमाफियाओं को फायदा हो जाएगा, क्योंकि उन्होंने यहां पर काफी प्लाट अपने वालों को बेच दिए हैं। पुष्पविहार मामले में भूमाफिया दीपक मद्दा पर FIR होने के साथ ही ईडी में भी केस दर्ज हो गया है और वह ईडी की गिरफ्त में भी है।