मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी का तुगलकी फरमान, शैक्षणिक सत्र 2023-24 को किया गया ज़ीरो ईयर घोषित, 50000 से ज्यादा छात्र होंगे प्रभावित

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Pooja Kumari
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मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी का तुगलकी फरमान, शैक्षणिक सत्र 2023-24 को किया गया ज़ीरो ईयर घोषित, 50000 से ज्यादा छात्र होंगे प्रभावित

वेंकटेश कोरी, JABALPUR. बदइंतजामियों के लिए कुख्यात जबलपुर के मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने एक और तुगलकी फरमान जारी किया है, इस फरमान से प्रदेश के करीब 50000 छात्र प्रभावित होंगे। दरअसल जबलपुर में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद से ही यहां न तो समय पर परीक्षाएं हो रही है और ना ही छात्रों को अंकसूचिया हासिल हो पा रही हैं, ऐसी स्थिति में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2023 और 24 को जीरो ईयर घोषित कर दिया है। इसका नतीजा ये है कि अब इस पूरे शिक्षण सत्र में पैरामेडिकल और नर्सिंग के विद्यार्थी न तो प्रवेश ले पाएंगे और न ही वे परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारने का सपना संजोने वाले विद्यार्थियों को एक साल का इंतजार करना पड़ेगा।

शैक्षणिक सत्र सुधारने की दी जा रही है दलील

जबलपुर के मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की बदइंतजामियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां एक-एक कोर्स को पूरा होने में कई-कई साल लग रहे हैं। बीपीटी यानी बैचलर आफ फिजियोथैरेपी की ही बात करें तो शैक्षणिक सत्र 2020-21 और सत्र 2021-22 की परीक्षाएं अब तक नहीं हुई है, जिससे शैक्षणिक कैलेंडर बुरी तरह से बेपटरी हो चुका है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन दलील दे रहा है कि नर्सिंग और पैरामेडिकल के शैक्षणिक कैलेंडर को सुधारने के लिए ही 2023 और 2024 को जीरो ईयर घोषित किया गया है। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के कुल सचिव डॉक्टर पुष्पराज सिंह बघेल के मुताबिक साल 2023-24 को जीरो ईयर घोषित करने के बाद शैक्षणिक सत्र 2024-25 से निर्धारित मापदंडों के अनुरूप प्रवेश और परीक्षाएं कराई जाएंगी। जीरो ईयर घोषित करने के चलते विश्वविद्यालय को भी लंबित कामों को पूरा करने में समय मिलेगा।

निजी विश्वविद्यालयों की कठपुतली बने कार्य परिषद के सदस्य!

मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 को जीरो ईयर घोषित किए जाने पर छात्र संगठन भी हैरत में हैं। मध्य प्रदेश स्टूडेंट यूनियन यानी एमपीएसयू के अध्यक्ष अभिषेक पांडे इस मुद्दे को लेकर लगातार छात्रों की आवाज बुलंद करते रहे हैं। अब मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के इस तुगलकी फरमान को उन्होंने छात्रों के हितों के खिलाफ करार दिया। छात्र नेता अभिषेक पांडे का साफ तौर पर आरोप है कि विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य निजी विश्वविद्यालयों की कठपुतली बने हुए हैं और निजीकरण को बढ़ावा देने और निजी विश्वविद्यालयों को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं।

इन पाठ्यक्रमों के छात्र होंगे प्रभावित

मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वारा साल 2023-24 को जीरो ईयर घोषित किए जाने से नर्सिंग और पैरामेडिकल के विद्यार्थी न तो प्रवेश ले पाएंगे और न ही परीक्षा में सम्मिलित हो पाएंगे। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वारा पैरामेडिकल में बीपीटी यानी बैचलर आफ फिजियोथैरेपी, ईसीजी टेक्निशियन, ओटी टेक्नीशियन, एनेस्थीसिया असिस्टेंट के कोर्सेस के अलावा नर्सिंग के पाठ्यक्रम और अन्य डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। एक आंकड़ों के मुताबिक पैरामेडिकल में प्रतिवर्ष 20000 छात्र-छात्राएं शामिल होती है, जबकि नर्सिंग की पढ़ाई के लिए प्रदेश भर के करीब 30000 विद्यार्थी अलग-अलग नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं।

Medical Sciences University 2023-24 declared zero year 50 000 students will be affected career of 50 000 students at stake मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी 2023-24 को किया जीरो ईयर घोषित 50000 से ज्यादा छात्र होंगे प्रभावित 000 छात्रों का कैरियर दांव पर