KOTA. राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं का सिलसिला रुक नहीं पा रहा है। रविवार को कोटा में एक साथ दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली। दोनों यहां नीट की तैयारी कर रहे थे। इनमें से एक महाराष्ट्र का रहने वाला था और दूसरा बिहार का। छात्र ने अपने इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग की छठी मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली वहीं बिहार के छात्र ने फांसी का फंदा लगा लिया। दोनों मामलों के बाद कलेक्टर ने अगले दो महीने तक कोई टेस्ट आयोजित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
कोचिंग की बिल्डिंग से कूदकर दी जान
पहली घटना दोपहर बाद करीब 3.30 बजे विज्ञान नगर थाना इलाके में हुई जहां लातूर महाराष्ट्र के रहने वाले छात्र अविष्कार संभाजी (16) ने अपने इंस्टिट्यूट की छठी मंजिल से कूद कर जान दे दी। वह बीते दो साल से वो कोटा में ही रह रहा था। रविवार को कोचिंग संस्थान की ओर से टेस्ट आयोजित किया गया था और वो टेस्ट देने के लिए कोचिंग संस्थान पहुंचा था।
नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
टेस्ट देने के तुरंत बाद वह भागता हुआ बाहर आया और बालकनी से नीचे कूद गया। थाना अधिकारी ने बताया कि मृतक छात्रा के नाना-नानी उसके साथ ही तलवंडी इलाके में ही रहते थे। छात्र बीते दो साल से कोटा में ही रह रहा था और वर्तमान में 12वीं के साथ ही वो मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहा था। उसके माता-पिता भी कोटा के लिए रवाना हो गए हैं। फिलहाल घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिली है, बावजूद इसके पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। इधर, इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
बिहार के छात्र ने की आत्महत्या
दूसरी घटना कोटा के कुन्हाड़ी थाना इलाके में रविवार रात करीब 8.00 बजे हुई। कोटा में नीट की तैयारी करने आए बिहार के एक छात्र ने फांसी का फंदा लगा लिया। कुन्हाड़ी थाना अधिकारी गंगासहाय शर्मा ने बताया कि मृतक छात्र बिहार के रोहतास जिले का निवासी 18 वर्षीय आदर्श है, जो कि अपने भाई-बहन के साथ यहां रहता था घटना के समय उसके भाई-बहन दूसरे रूम में थे. संदेह होने पर उन्होंने आदर्श का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। जैसे-तैसे दरवाजा खोलकर अंदर गए तो उन्हें घटना का पता चला। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उसने दम तोड़ दिया।
2 महीने तक नहीं होगा कोई भी टेस्ट रू जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार को सभी विद्यार्थियों का अवकाश रखने के लिए निर्देश किया था, लेकिन कुछ कोचिंग संस्थानों ने फिर भी टेस्ट आयोजित किए थे। ऐसे में अगले दो महीने तक किसी भी तरह के टेस्ट लेने पर रोक लगा दी गई है। टेस्ट के बाद ही अधिकांश विद्यार्थी तनाव में आते हैं और उसी के बाद सुसाइड अटेम्प्ट या आत्महत्याओं के मामले बढ़ते हैं। आज भी टेस्ट देने के बाद ही बच्चे ने आत्महत्या करने की बात सामने आई है।
अगस्त में 7 साल में 23
कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के मामले में अगस्त का महीना बहुत बुरा साबित हुआ है। इस महीने में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के अब तक सात मामले सामने आ चुके हैं। वही 2023 की बात करें तो अब तक 23 ऐसी घटनाएं हो चुके हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं ने पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।