संजय गुप्ता, INDORE. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान से फिर साफ हुआ कि घर में धर्मपत्नी ही पूरा फायनेंस मैनेजमेंट संभालती है और यह काम उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता है। शनिवार (27 जनवरी) को इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है। उन्होंने आगे कहा कि मैं दोस्तों से कभी-कभी मजाक में बोलता हूं कि मेरी बाजार में कितनी भी साख हो, पर घर के अंदर 3 हजार रूपए की है। बीवी 3 हजार रुपए से ज्यादा देती ही नहीं है।
रुपए जल्दी खर्च किए तो पूछती है क्या किया
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि महिलाएं ही घर चलाती है। मैंने 3 हजार जल्दी खत्म कर दिए तो कहती है क्यों तुमने 3 हजार इतने जल्दी खर्चा कर दिए। मैंने कहा कि मैं 4-5 मंदिर गया था तो कहती है 500-500 के नोट चढ़ा दिए। मैं मैनेजमेंट बता रहा हूं फाइनेंस का। महिलाएं किस तरह से इसे संभालती है।
इसलिए हमारे देश की फायनेंस मिनिस्ट्री महिलाओं के हाथ
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि किसी भी सरकार के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री सबसे महत्वपूर्ण होती है। हमारे देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री भी महिला के हाथों में है। घरों के अंदर भी महिला के पास ही रहती है। यही कारण है कि हमारी फाइनेंस मिनिस्टर महिला है, जो भारत की साख है।
विजयवर्गीय के बयान हमेशा चर्चा में रहते हैं
मंत्री विजयवर्गीय विधासनभा चुनाव के दौरान से ही अपने लगातार बयानों से चर्चा में बने हुए हैं। इसके पहले भी जब वह बोलते हैं तो उनके बयान सुर्खियां बटोरते हैं। इस बार गणतंत्र दिवस के दिन इंदौर में उन्होंने ध्वजारोहण किया था। वह इंदौर में लगातार विकास संबंधी बैठके ले रहे हैं।