man eating wolf caught in Bahraich : उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़िए को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। अभी 2 भेड़ियों को पकड़ना बाकी है। इन भेड़ियों का 35 से ज्यादा गांवों में आतंक फैलाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इन भेड़ियों ने आठ मासूम बच्चों सहित 9 लोगों को अपना निशाना बनाया था। इससे पहले वन विभाग की टीम तीन अन्य भेड़ियों को भी वन विभाग पकड़ चुकी है।
जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम ने महसी के सिसैया के कछार में भेड़िए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया था। इसमें वह फंस गया। वन विभाग का कहना है कि इलाके में छह भेड़ियों का एक झुंड है, जो लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। इनमें से आज एक भेड़िये को पकड़ लिया गया है। अब तक चार भेड़िये पकड़ में आ चुके हैं और दो की तलाश की जा रही है।
वन विभाग की 25 टीमों की तैनाती
बहराइच जिले के गांवों में आदमखोर भेड़ियों के आतंक ने लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी के 25 वन टीमों की तैनाती की गई है।
वन अधिकारियों ने बताया कि भेड़ियों को ट्रेंकुलाइज करने के बाद उनके डीएनए सैंपल लिए गए हैं। टेस्टिंग के बाद ही पता चलेगा कि ये भेड़िया उसी ग्रुप का है जिसने हाल की वारदातों को अंजाम दिया है। हालांकि, प्रारंभिक आकलन के अनुसार, यह भेड़िया उसी ग्रुप का हो सकता है।
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बहराइच में पकड़ाया आदमखोर भेड़िया
लोग रात भर जागकर कर रहे सुरक्षा
भेड़ियों के आतंक ने गांवों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। लोग रात भर जागकर गांव की सुरक्षा कर रहे हैं और अंधेरे में बाहर निकलने से बच रहे हैं। कई बार लोगों ने भेड़ियों की गतिविधियों का वीडियो भी बनाया, लेकिन वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले भेड़िये खेतों में भाग जाते हैं।
भेड़ियों का आतंक कब शुरू हुआ?
भेड़ियों का आतंक बहराइच के औराही गांव से शुरू हुआ था, जब भेड़ियों ने 7 और 7 साल के दो बच्चों पर हमला किया था। फिरोज नामक बच्चे पर डेढ़ महीने पहले भेड़ियों के झुंड ने हमला किया। वह अपनी मां के साथ सो रहा था जब एक भेड़िया घर के बरामदे में घुस आया और उसकी गर्दन दबोचकर खेत में ले गया।
मां ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन भेड़िया उसे करीब 200 मीटर दूर ले गया। शोर मचाने के बाद गांव वाले पहुंचे और भेड़िया बच्चे को खेत में छोड़कर भाग गया। फिरोज को अस्पताल में 13 दिनों तक इलाज के बाद जीवनदान मिला, लेकिन भेड़िया के काटे निशान आज भी उसके शरीर पर मौजूद हैं।
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