GWALIOR. पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति की जान बचाने के चक्कर में छात्रों पर डकैती का केस लग गया। छात्रों की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अपने वीसी की जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी हुई एक जज की गाड़ी को जबरन छीन लिया था और वीसी को अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन वीसी की जान नहीं बच सकी, बल्कि छात्रों पर एफआईआर दर्ज हो गई। जिन छात्रों पर केस हुआ वे एबीवीपी के कार्यकर्ता बताए गए हैं। इसके बाद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार की रात पड़ाव थाने में धरना प्रदर्शन किया।
इस तरह रहा पूरा घटनाक्रम
पूरे घटनाक्रम की शुरुआत दिल्ली से ग्वालियर आने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में हुई। रविवार की रात को दिल्ली से चलकर ग्वालियर आ रही दक्षिण एक्सप्रेस में शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी (वाइस चांसलर) रणजीत सिंह यादव (68) अपने कुछ छात्रों के साथ सफर कर रहे थे। जब ट्रेन आगरा पहुंची तो अचानक वीसी के सीने में दर्द होने लगा और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। मुरैना आते-आते रणजीत सिंह यादव की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई। यह देख उनके साथ मौजूद छात्र परेशान हो उठे। छात्रों ने रेलवे की हेल्पलाइन पर मदद मांगी।
...छात्रों ने तब कार छीनी
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर आते ही वीसी की हालत को देखकर छात्र ट्रेन से उतर प्लेटफार्म नंबर एक की तरफ पहुंचे। यहां जब छात्रों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने प्लेटफॉर्म नंबर-1 के बाहर हाईकोर्ट जस्टिस संजीव एस. कालगांवकर की गाड़ी लेकर खड़े ड्राइवर से तड़पते वीसी को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन जब ड्राइवर तैयार नहीं हुआ तो छात्रों ने ड्राइवर से चाबी छीन ली।
कार अस्पताल के पास मिली
इसके बाद छात्र वीसी को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद वीसी रणजीत सिंह यादव को मृत घोषित कर दिया। इधर, जैसी ही जज की गाड़ी लूटने की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस हरकत में आ गई। शहर की नाकाबंदी कर दी गई, हालांकि, जल्द ही पुलिस को जज की गाड़ी जयारोग्य अस्पताल के पास खड़ी मिल गई।इसके बाद जीआरपी के आरक्षक राकेश सेंगर की शिकायत पर छात्रों के खिलाफ पड़ाव थाने में डकैती की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने किया थाने पर प्रदर्शन
जिन छात्रों ने वीसी को अस्पताल पहुंचाने का काम किया था वह एबीवीपी के कार्यकर्ता थे। ऐसे में जब ग्वालियर के एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को मालूम हुआ कि वीसी की जान बचाने के चक्कर में एबीवीपी के उनके सहयोगी कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज हो गई है तो सोमवार की रात को बड़ी संख्या में एबीवीपी के कार्यकर्ता पड़ाव थाने पहुंच गए। यहां एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया।
छात्रों ने कहा- जान बचाने के प्रयास में FIR हुई, वापस हो
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि किसी की जान बचाने की कोशिश के बदले अगर एफआईआर दर्ज की गई है तो यह गलत है, इसलिए एफआईआर को वापस लिया जाए। कुल मिलाकर वाइस चांसलर की जान बचाने के चक्कर में छात्रों ने हाई कोर्ट के जस्टिस की कार छीन ली। लेकिन वाइस चांसलर की जान नहीं बच सकी और छात्रों पर एफआईआर भी दर्ज हो गई।