Gwalior. मध्य प्रदेश का चर्चित व्यापमं मामले में ग्वालियर की विशेष सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। न्यायालय ने प्रीपीजी 2006 फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी दीपक यादव एवं एक अन्य के खिलाफ साक्ष्य न होने पर दोषमुक्त कर दिया है। दीपक पर साल्वर बैठाकर प्रीपीजी परीक्षा पास करने का आरोप था। आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की शिकायत पर दीपक यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन आशीष के पास कोई साक्ष्य न होने के चलते विशेष सीबीआई कोर्ट ने दीपक को दोषमुक्त कर दिया।
आशीष ने आरोप तो लगाए पर सबूत नहीं दिए
व्यापमं मामले का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने डॉ. दीपक यादव पर साल 2006 में प्री मेडिकल टेस्ट में गलत तरीके से पास करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर आशीष न्यायालय में कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। लिहाजा न्यायालय ने मामले में डॉ. दीपक यादव को उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होने पर दोषमुक्त कर दिया।
कोर्ट के कई बार बुलाने पर भी नहीं आया आशीष
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी को सीबीआई ने दीपक यादव पर लगाए आरोप में न्यायालय में गवाही देने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन हर बार आशीष कोई न कोई बहाना करके न्यायालय में आने से बचता रहा। अंत में न्यायालय ने आशीष का साक्ष्य पेश करने का अधिकार ही समाप्त कर दिया था। पर पिछले दिनों आशीष ने न्यायालय में अपनी गवाही देने का आवेदन लगाया था, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद पहले आशीष की गवाही हुई थी।
दूसरे के बताने पर की थी शिकायत, सबूत नहीं
आशीष चतुर्वेदी ने विशेष सीबीआई कोर्ट में डॉ. दीपक यादव पर कई आरोप लगाए। आशीष का आरोप था कि दीपक ने अपनी जगह साल्वर बैठाया था। हस्ताक्षर आसान से किए थे जिसे कोई भी कर सके। पता भी वो लिखा जहां वो रहता ही नहीं है। पर आशीष एक भी बात का साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। उसने न्यायालय में बताया कि उसे भी यह बात किसी ने बताई थी। सुनी बात के आधार पर ही एसने तात्कालीन एडिशनल एसपी वीरेंद्र जैन के यहां शिकायत की थी। बाद में एसआईटी ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया था।