इंदौर में बजरंग दल विवाद में विजयवर्गीय आए आगे, पुलिस पर कार्रवाई की बात कही, उधर बीजेपी नेताओं ने साधी हुई है चुप्पी

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Puneet Pandey
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इंदौर में बजरंग दल विवाद में विजयवर्गीय आए आगे, पुलिस पर कार्रवाई की बात कही, उधर बीजेपी नेताओं ने साधी हुई है चुप्पी

संजय गुप्ता, INDORE.  इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा पलासिया चौराहा जाम करने और फिर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के विवाद ने दिल्ली, भोपाल ले लेकर इंदौर सहित पूरे मालवा-प्रांत में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। बड़े स्तर पर लगातार फोन बज रहे हैं और सभी हिंदू संगठनों की ओर से सरकार पर फोन जा रहे हैं। इस मामले में सरकार और बीजेपी नेताओं की मोटे तौर पर सार्वजनिक चुप्पी है और प्रदेशाध्यक्ष व गृहमंत्री द्वारा ही सधे हुए शब्दों में बात रखी गई है। उधर घटना के एक दिन बाद इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सक्रिय हुए और शनिवार रात को लाठीचार्ज में घायल हुए व अस्पताल में भर्ती इंदौर विभाग मंत्री राजेश बिंजवे से मिलने के लिए पहुंचे। इस मामले में खुद विजयवर्गीय ने भी देर रात ट्वीट किया और कहा कि पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्वक पिटाई की निंदा की है। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। 



विजयवर्गीय क्यों आए हैं आगे?



जहां बीजेपी के अधिकांश नेता इस मामले में चुप हैं, ऐसे में विजयवर्गीय क्यों आगे आए हैं? इसकी सबसे बड़ी वजह है उनका हिंदुत्व का चेहरा होना। दूसरी वजह है कि खुद नशाखोरी व नाइट कल्चर के खिलाफ लगातार मुहिम छेड़े हुए रहना, जो बजरंग दल ने भी उठाया हुआ है। तीसरा सबसे अहम मुद्दा कि विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड़ में वह खुद को यह कहते हुए प्रेजेंट कर चुके हैं कि वह पूरा चुनाव देखेंगे। ऐसे में बिना हिंदू संगठनों के सहयोग से बीजेपी के लिए वोट मांगना संभव नहीं हो पाएगा, और इधर विहिप पहले ही चेतावनी दे चुका है कि जनप्रतिनिधियों को चुनाव मैदान में भी आना है, तब उन्हें कार्यकर्ताओं का गुस्सा सहना होगा।  



बीजेपी नेताओं के मनमुटाव का फायदा उठा रहे अधिकारी



बिंजवे ने द सूत्र से चर्चा में बताया कि विजयवर्गीयजी ने हमें आश्वस्त किया है और उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने दिल्ली भी बात की है। सीएम से भी चर्चा हो चुकी है। इसलिए एडीजी जैसे वरिष्ठ अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया है, दोषियों पर कार्रवाई होगी। वहीं बिंजवे ने कहा कि मैंने उन्हें पूरी घटना बताई कि किस तरह हमारे मुद्दों पर अधिकारी टालमटोली कर रहे हैं। क्योंकि कुछ बीजेपी नेताओं के बीच जो मनमुटाव है, उसका फायदा यह अधिकारी उठा रहे हैं। वह संगठनों को उलझा रहे हैं और छवि खराब कर रहे हैं। पार्टी नेता कमाल खान भी इसका फायदा उठा रहे हैं और उनका बेटा ड्रग्स का धंधा कर रहा है। हमारे आंदोलन के कारण इस नेटवर्क को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इसके चलते अधिकारियों ने प्लान बनाकर हत्या की कोशिश की थी, जबकि आंदोलन शांति पूर्वक था। 



अभी तक यह इन्हीं नेताओं की आई प्रतिक्रिया



इस पूरे मामले में बीजेपी नेताओं के लिए हालात मुश्किल भरे हो गए हैं। घटना वाले दिन केवल विधायक मालिनी गौड़ की तीखी प्रतिक्रिया आई और उनके बेटे एकलव्य ने घायलों से मुलाकात की। नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे भी घायलों से मिलने पहुंचे, लेकिन जब वह लौटने लगे तो उनके व बीजेपी पार्टी के साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अपशब्दों के साथ जमकर नारेबाजी हुई। साथ ही चुनाव में देख लेने तक की बात कही गई। मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा भी दो लाइन की प्रतिक्रिया व्यक्त कर घटना की निंदा की गई। वहीं प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मामले को देखने, जांच कराने की बात कही। यही प्रतिक्रिया गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी दी गई कि टीआई को लाइन अटैच किया है और जांच के आदेश हुए हैं। उधर कांग्रेस इस मामले में लगातार बीजेपी को घेर रही है और उन्हें स्थिति स्पष्ट करने के लिए बोल रही है कि बजरंग दल को वह गुंडे मानते हैं या फिर राष्ट्रभक्त बताएं।


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