BHOPAL. मोहन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के एक महीने बाद भी उनके कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को बंगले नहीं मिले हैं। उनके 23 मंत्रियों को बंगले तो आवंटित को गए, लेकिन खाली ना होने कारण उनमें शिफ्ट नहीं नहीं हो पाए हैं। गृह विभाग के आवंटन आदेश में यह यह कहा गया है कि बंगला रिक्त हाने पर ही मंत्री उसमें रहने जा सकते हैं।
कई मंत्री चाहते हैं चार इमली में बड़ा बंगला
वहीं, कई मंत्री ऐसे भी हैं जो चार इमली में बड़ा बंगला चाहते हैं, लेकिन पूर्व मंत्रियों और विधायकों के पावर के चलते बंगले खाली नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से बंगले आवंटन में देरी हो रही है। फिलहाल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अभी बेटे आकाश विजयवर्गीय ( पूर्व विधायक ) वाले बंगले सी-21 शिवाजी नगर में रह रहे हैं। वे बड़ा बंगला चाहते हैं। उधर, राकेश सिंह अभी बीएचईएल रेस्ट हाउस में रह रहे हैं। वे भी चार इमली में बंगला चाहते हैं।
* मोहन सरकार के पहले विस्तार में 28 मंत्रियों ने 25 दिसंबर को शपथ ली थी।
इन विधायकों को रेस्ट हाउस और निजी आवास का सहारा
डॉ. मोहन यादव सरकार के जो मंत्री बंगला आवंटित होने के बाद भी अभी शिफ्ट नहीं हुए हैं, उनमें गौतम टेटवाल (सी-1, 74 बंगले), नारायण सिंह कुशवाह (बी-11, चार इमली), धर्मेंद्र लोधी (बी-11, 74 बंगला), राकेश शुक्ला (बी-19, 74 बंगला) शामिल हैं। इन्हें बंगला खाली होने का इंतजार है।
दूसरी ओर, मंत्री नारायण सिंह पंवार, नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार, दिलीप जायसवाल और राधा सिंह को भी बंगला आवंटित नहीं हुआ है। नरेंद्र पटेल, नारायण सिंह कुशवाह और दिलीप अहिरवार को छोड़ बाकी सभी अभी विधायक विश्राम गृह में आवंटित आवास से कामकाज कर रहे हैं।
13 मंत्रियों को ये बंगले अलॉट
मोहन सरकार ने पिछले दिनों अपनी कैबिनेट के 13 मंत्रियों को राजधानी में सरकारी बंगले आवंटित किए हैं। इसमें छह बंगले शिवराज सरकार के मंत्रियों को आवंटित थे। गृह विभाग द्वारा जारी किए गए आवंटन आदेश के मुताबिक जिस बंगले में मंत्री ओपी सकलेचा रहते थे वह प्रहलाद पटेल को मिला है। जहां राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव रहते थे वह अब मंत्री उदय प्रताप सिंह को दिया गया है। इसी तरह बिसाहू लाल सिंह को आवंटित बंगला मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को दिया गया है वहीं मंत्री नागर सिंह चौहान शिवराज सरकार में मंत्री रहे राम किशोर कावरे को आवंटित बंगले में रहेंगे।
कांतिलाल भूरिया का बंगला टेटवाल को आवंटित
शिवराज सरकार के मंत्री रहे राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को आवंटित बंगला मोहन सरकार ने चैतन्य काश्यप को और प्रेम सिंह पटेल को आवंटित बंगला मंत्री राकेश शुक्ला को दिया गया है। संपतिया उइके को प्रदीप जायसवाल वाला और निर्मला भूरिया को इमरती देवी तथा लखन पटेल को रवि जोशी वाला बंगला आवंटित किया गया है।
गौतम टेटवाल को 74 बंगले में सी-1 बंगला आवंटित हुआ है जो अभी कांतिलाल भूरिया के पास है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ये आवास रिक्त होने पर मंत्री इसमें शिफ्ट हो सकेंगे।
ये मंत्री बनेंगे पड़ोसी
अभी जिन मंत्रियों को बंगलों का आवंटन हुआ है, उनमें कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश को आवंटित बंगले में हैं और यह बंगला मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले से दो बंगले की दूरी पर है। उधर, नागर सिंह चौहान, धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी और संपतिया उइके को आवंटित बंगले अगल-बगल हैं। 74 बंगला क्षेत्र के बंगले रिक्त होने पर ये तीनों ही पड़ोसी होंगे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौतम का बंगला अभी होना है आवंटित
इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पिछली विधानसभा में आवंटित बंगला अभी किसी को आवंटित नहीं हुआ है। इसे छोड़ दें तो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और मंत्री कृष्णा गौर एक दूसरे के समीप के बंगले में रह रहे हैं। इसी तरह मंत्री गौतम टेटवाल 74 बंगले में सी-2 में रह रहे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पड़ोसी होंगे।
इन पूर्व विधायकों ने अब तक खाली नहीं किए MLA रेस्ट हाउस के कमरे
विधानसभा की ओर से विधायकों को विधायक विश्राम गृह और विधानसभा अध्यक्ष पूल से बंगलों का आवंटन किया जाता है। इसी के अंतर्गत जिन पूर्व विधायकों ने अब तक विधायक विश्राम गृह में आवंटित कमरे खाली नहीं किए हैं। उनमें अमर सिंह चितरंगी, सुभाष राम चरित्र देवसर, देवी सिंह सैयाम नैनपुर, राम दांगोरे पंधाना, सुमित्रा देवी कास्डेकर नेपानगर, जजपाल सिंह जज्जी अशोकनगर, भारत सिंह कुशवाहा लश्कर, सूबेदार सिंह रजौधा जौरा, सुनील सराफ कोतमा के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा कमलेश्वर पटेल सिहावल, हर्ष यादव देवरी, विजय राघवेंद्र सिंह चंदेरी, यशपाल सिंह सिसोदिया मंदसौर, शिशुपाल सिंह यादव निवाड़ी, रामलाल मालवीय घट्टिया, कल्पना वर्मा रैगांव, घनश्याम सिंह सेवढ़ा, चंद्रभागा किराडे बड़वानी, अशोक मर्सकोले मंडला, अजब सिंह कुशवाह मुरैना जिला समेत कुल 21 पूर्व विधायकों की ओर से अभी विश्राम गृह के आवास खाली नहीं किए गए हैं।