Ujjain. उज्जैन में महाकाल लोक के विस्तारीकरण का काम जारी है। सेकेंड फेज में चल रहे निर्माणकार्यों में भी लापरवाही सामने आ रही है। गुरुवार को निर्माण कार्य के दौरान एक दीवार भरभराकर गिर गई। गनीमत यह थी कि घटना के वक्त मौके पर कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था। श्रावण मास के चलते महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुट रहे हैं, ऐसे में निर्माणकार्यों के दौरान कंपनी और कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
नैवेद्य कक्ष से सटी दीवार गिरी
जानकारी के मुताबिक हादसा तीर्थकुंड के पास हुआ जहां नैवेद्य कक्ष से लगी हुई दीवार गिर गई। बता दें कि बाबा महाकाल को अलग-अलग अनुष्ठानों के वक्त लगने वाले भोग का प्रसाद नैवेद्य कक्ष में ही बनाया जाता है। यहां मंदिर समिति के कई कर्मचारी मौजूद रहते हैं। इत्तेफाक से घटना के वक्त वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। वरना दीवार गिरने की इस घटना में जनहानि भी हो सकती थी।
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50 लाख श्रद्धालुओं के आने की है संभावना
मंदिर समिति ने एक अनुमान के मुताबिक यह बताया था कि 60 दिनों तक चलने वाले श्रावण मास में इस बार महाकाल मंदिर में करीब 50 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आ सकते हैं। समिति के अनुमान के मुताबिक यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। विशेषकर सोमवार के दिन यहां भक्तों का ज्यादा जमावड़ा लगता है। ऐसे समय में दीवार का गिरना श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। इससे पहले कुछ दिन पूर्व श्रद्धालुओं के लिए यहां लगाया जा रहा टीन शेड गिर गया था।
मूर्ति निर्माण में चल रही जांच
उधर महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मामले की जांच लोकायुक्त कर रहा है। महाकाल लोक में लगी मूर्तियां जरा सी आंधी में गिरने और चटकने के बाद यह मामला उजागर हुआ था। सवाल यह उठ रहा है कि इन हालातों में भी निर्माण कार्य में जुटी कंपनी के कर्मचारी निर्माण कार्य में ऐसी लापरवाही क्यों बरत रहे हैं?