संजय गुप्ता, INDORE. थानों में शिकायत कराने से लेकर उसकी जानकारी लेने और अधिकारियों से मिलने के लिए भटकने वाले पीड़ितों के लिए अब इंदौर पुलिस ने नया कदम उठाया है। अब जोन-1 के डीसीपी ने एक डीजी कोप साथी (DIGI COP SATHI ) नामक वाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसमें आवेदक को अपनी जानकारी फीड करना है। इसके बाद वह अपनी शिकायत का स्टेटस जान सकेंगे। अफसरों से मिलने का अपॉइंटमेंट तय होगा। इतना ही नहीं अफसरों से अब वीडियो कॉल के जरिए शिकायत के संबंध में बात भी हो सकेगी।
वाट्सएप नंबर 6262-30-2020 जारी किया गया
डीसीपी जोन-1 आदित्य मिश्रा ने शुक्रवार (11 अगस्त) को अपने जोन में शिकायतों के निराकरण के लिए एक वाट्सएप नंबर 6262-30-2020 जारी किया है। मिश्रा बोले आम तौर पर देखने को मिलता है कि लोग या शिकायतकर्ता थाने और दफ्तरों के कई चक्कर काटते हैं, लेकिन उनका समाधान नहीं होता। अब उनकी परेशानी को दूर करने के लिए ही यह सिस्टम ईजाद किया है। लोगों को इस नंबर पर वाट्सएप कर अपनी जानकारी फीड करना है। यह वाट्सएप आधारित सपोर्ट सेवा और अपॉइंटमेंट शेड्यूलिंग सिस्टम है, जो कम्प्यूटर से ऑपरेट होगा। इसके जरिये आवेदकों का बड़े अफसरों से अपॉइंटमेंट तय होगा। फिर तय हो सकेगा कि वे अफसरों से कैसे कनेक्ट होंगे। यानी वीडियो कॉलिंग, फोन पर या फिर सीधे दफ्तर जाकर मिलेंगे।
मामला गंभीर है तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी अफसर से मिल सकेंगे
जैसे किसी व्यक्ति को थाने पर की हुई शिकायत या आवेदन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मिलना है तो वह इस नंबर के माध्यम से अपना अपॉइंटमेंट ले सकेगा। शिकायककर्ता अपनी शिकायत का स्टेटस जान लेगा। मामला गंभीर है तो डीसीपी से सीधे संवाद भी कर सकता है। यदि फरियादी को अपनी शिकायत का समाधान थाना स्तर पर नहीं मिला है। यदि वह डीसीपी कार्यालय जाने में असमर्थ है तो इस एप्लीकेशन के माध्यम से वह स्टेटस पता कर सकेगा। मोबाइल सॉफ्टवेयर चलाने में सक्षम है तो रूम एप्लीकेशन के माध्यम से वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी डीसीपी से बात सकता है।
धोखाधड़ी, संपत्ति संबंधी मामलों की शिकायत होगी
मिश्रा का कहना है इसमें घरेलू विवाद, धोखाधड़ी, सार्वजनिक उपद्रव, संपत्ति संबंधी विवाद, गुमशुदगी, ड्रग्स संबंधी, सत्यापन संबंधी, सीएम हेल्पलाइन जैसी कैटेगरी रखी गई है। इसमें शिकायतकर्ता अपनी असंतुष्टि के कारण भी बता सकता है। जैसे समय पर कार्रवाई नहीं, सही जांच नहीं होना, अभद्र व्यवहार, पावती नहीं देना, घटनास्थल पर नहीं आना या अन्य कोई कारण भी बता सकता है। हालांकि इसमें हार्ड कोर क्राइम जैसे तुरंत होने वाले अपराध शामिल नहीं हैं। इसके लिए थाने पर संपर्क करना होगा। डीसीपी का कहना है कि इसमें आप जब अपने नंबर से चैटिंग करेंगे तो वही आपकी शिकायत का नंबर रहेगा, जो लोगों को याद रखने में भी आसान रहेगा। इसके बाद कुछ सामान्य जानकारियां भरने के बाद आपकी शिकायत फ्रीज हो जाएगी। इस नंबर पर आई हुई जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रहेगी।