BHILAI. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जू मैत्री बाग में सफेद बाघिन ने एक साथ तीन शावको को जन्म दिया है। सभी शावको को डॉक्टरों को निगरानी में रखा गया है। उन्हें मेडिसिन के रूप में स्पेशल तरह की विटामिन युक्त दवाइयां दी जा रही हैं। हालांकि तीनों पूरी तरह से स्वस्थ है। बता दें, सफेद बाघिन रोमा ने डेढ़ महीने पहले एक नन्हे शावक को जन्म दिया था। मैत्री बाग जू में सफेद बाघ की संख्या 9 हो गई हैं।
जू में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या
मैत्री बाग जू में पहले 6 बाघ थे। अब 3 शावकों ने जन्म लिया है। अब इन सबको मिलाकर मैत्री बाग जू में सफेद बाघ की कुल संख्या 9 हो गई है। इससे मैत्रीबाग जू में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। मैत्री बाग जू में देश के अलग-अलग जगहों से पर्यटन घूमने के लिए आते है।
डॉक्टरों को निगरानी में शावक
वहीं मैत्री बाग जू उद्यान विभाग प्रबंधन के डॉ. एनके जैन ने बताया कि बाघिन रक्षा ने तीन शावकों को बर्थ दिया है। इन शावकों के पिता का नाम सुल्तान है। इसके एक साल पहले भी बाघिन रोमा ने एक शावक को जन्म दिया था। बता दें, शावकों के जन्म के बाद चार महीने तक नन्हें शावकों को मां के सानिध्य में डाक्टरों की स्पेशल निगरानी में स्तनपान और अन्य कारणों से डार्क रूम में रखा जाता है।
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1997 में लेकर आए थे सफेद बाघ का एक जोड़ा
1997 में सफेद बाघ का एक जोड़ा नंदन कानन चिड़िया घर भुनेश्वर से मैत्री बाग जू लाया गया था। जानकारी के मुताबित इस जू में अभी तक 10 से ज्यादा सफेद बाघ का जन्म हो चुका है। मैत्री बाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी के नियमानुसार देश के 5 से भी अधिक चिडियाघरों के साथ विनिमय किया है।