इंदौर में कौन रोक रहा नाइट कल्चर बंद करने से? केवल कलेक्टर का एक लाइन का आदेश ही काफी, निगम रद्द करे दुकानों के लाइसेंस 

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Chandresh Sharma
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इंदौर में कौन रोक रहा नाइट कल्चर बंद करने से? केवल कलेक्टर का एक लाइन का आदेश ही काफी, निगम रद्द करे दुकानों के लाइसेंस 

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में सितंबर 2022 से नाइट कल्चर को बीआरटीएस के दोनों ओर 100-100 मीटर के दायरे में लागू करने के लिए तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह का औपचारिक आदेश जारी हुआ। नगर निगम ने इस दायरे में आने वाले संस्थानों के आवेदन पर 24बाय7 खोलने का लाइसेंस जारी करना शुरू किया। लागू होने के बाद से ही लगातार इस कल्चर को लेकर विरोध के सुर उठ रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसकी खुद अगुवाई कर रहे हैं, जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा इसे लेकर बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक लेकर सुझाव महीनों पहले ही ले चुके हैं, पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन सहित कई प्रबुद्ध बैठक में इसमें बदलाव और पुलिस व प्रशासन की सख्ती की समझाइश भी महीनों पहले दे चुके हैं। विजयवर्गीय तो सीएम के सामने मंच से ही इसे लेकर बोल चुके हैं। तो फिर सवाल यही उठ रहा है कि सभी का विरोध है तो फिर नाइट कल्चर को बंद करने से रोक कौन रहा है? यह सिस्टम केवल कलेक्टर के एक लाइन के आदेश से बंद हो जाएगा और निगम को दुकानदारों को दिए लाइसेंस भी रद्द करने के लिए केवल एक लाइन का ही आदेश जारी करना है।



सबसे बड़ी वजह सीएम की घोषणा…



इस नाइट कल्चर को बंद करने से रोकने का सबसे बड़ा कारण है सीएम की घोषणा। यह सितंबर माह में जब लागू किया गया था तब जो आदेश बना था इसी में लिखा हुआ है कि- माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी की घोषणा के परिपालन में तीन सितंबर 2022 को सांसद शंकर लालवानी जी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ाव अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठख में सर्वसम्मित से 24 घंटे रात्रिकालीन भी सेवाएं क्रियान्वित करने की अनुशंसा सशर्त की जाती है। यानि साफ है कि जब तक सीएम की ओर से इसे बंद करने को लेकर हरी झंडी नहीं मिलेगी यह सिस्टम का विरोध कितना भी हो यह बंद नहीं होगा। 




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  • अच्छी मंशा से शुरू हुआ लेकिन नशे के कारोबार ने फैला दिया जहर



    यह नाइट कल्चर इंदौर में अच्छी मंशा से शुरू हुआ था लेकिन बाद में सामने आया कि इसका उपयोग शहर के रहवासियों ने तो ना के बराबर किया लेकिन यहां बाहर आकर होस्टलों में रहने वाले युवाओं ने इसे देर रात तक घूमने मौज-मस्ती का माध्यम बना लिया। इसी आड़ में देर रात तक बार-पब चालू रहे तो वहीं अपराधियों ने भी हथियार लहराने से लेकर रात को अपराध करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। नशे के कारोबार में भारी बढ़ोतरी हुई जिसने इंदौर की संस्कृति को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।



    विजयवर्गीय बोले- नाइट कल्चर का विरोध नाइट एक्टिविटी का नहीं



    इसी नाइट कल्चर को लेकर रविवार रात को कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, महापौर भार्गव, बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, विधायक महेंद्र् हार्डिया, रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता आदि ने संभागायुक्त मालसिंह भायडिया, पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और निगमायुक्त हर्षिका सिंह के साथ बैठक हुई। विजयवर्गीय ने कहा कि पुलिस और प्रशासन सख्ती कर रहे हैं, हम नाइट एक्टिविटी का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन नाइट कल्चर का विरोध है। 



    नाइट कल्चर की शर्तें भी पूरी नहीं कर रहे संस्थान

    नाइट कल्चर लागू होने के दौरान कई शर्तें लागू की गई थी। इसमें खुले रखने वाले संस्थान को सीसीटीवी लगाने थे। महिला सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाना थी, लाइसेंस लेने वाले संस्थान को लोगो, बोर्ड भी लगाना थे, नो हार्न के डिस्पले लगना थे, पुलिस की खास व्यव्सथा होना थी, ट्रैफिक को भी संभालने के लिए भी बल लगाना थे। इसमें अधिकांश बातें नदारद है।



    आदेश में बार-पब खुलने का तो प्रावधान ही नहीं था



    इस आदेश में बिल्कुल साफ लिखा था कि इस क्षेत्र के दायरे में आने वाले होटल, रेस्त्रां, बार लाइसेंस वाले, बार-पब, डिस्को क्लब, शराब दुकानें पूर्व में तय समयावधि में बंद होंगी। इन्हें रात्रिकाली सेवा के दायरे में नहीं लिया जाएगा।


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