BHOPAL. सोशल मीडिया में प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वे कह रहे हैं 'बस नाम ही काफी है…चीफ सेक्रेटरी से लेकर कोई कलेक्टर किसी काम के लिए इंकार नहीं कर सकता। नौ बार का विधायक मुख्यमंत्री के बराबर होता है।' गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश के सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे लगातार 9 बार से विधायक हैं,लेकिन इस बार मोहन सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है। अब उनके बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
भार्गव बीजेपी की पिछली 4 टर्म की सरकारों में हमेशा मंत्री रहे
यहां बता दें, पिछले महीने वर्ष 2023 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की है। वहीं, कांग्रेस 66 सीटों में ही सिमटकर कर रह गई। 230 सदस्य वाली विधानसभा में गोपाल भार्गव सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। वे लगातार नौवीं बार विधायक बने हैं। वे बीजेपी की पिछले चार टर्म की सरकारों में हमेशा मंत्री रहे हैं।
क्या कहा गोपाल भार्गव ने?
सोमवार को रहली में विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा- 'नौ बार का विधायक मुख्यमंत्री के बराबर होता है। लोग मुझसे कहते हैं अब क्या होगा, आपका मंत्री पद चला गया तो मैंने उनसे कहा अगर मैं इतना कह दूंगा कि मैं गोपाल भार्गव बोल रहा हूं तो, मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी लेकर कलेक्टर तक कोई भी मेरी बात से इनकार नहीं कर सकता, मेरे काम को मना नहीं कर सकता।'
उमा की सरकार में 8 बड़े विभाग का मंत्री रहा
गोपाल भार्गव ने कहा कि मैं 20 वर्षों तक विपक्ष में रहा। 2003 में जब बीजेपी का सरकार बनी तो कैबिनेट मंत्री बना। उमा भारती की सरकार में कृषि विभाग, राजस्व विभाग, सहकारिता विभाग जैसे आठ बड़े विभाग एक साथ मेरे पास थे, जो आज तक के इतिहास में मध्य प्रदेश में संभव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री पद पर लंबे समय तक रहा तो, कुछ लोगों को अटपटा लग रहा है। 30-35 साल का युवा है उसको याद भी नहीं होगा कि मैं विधायक रहा हूं, वह तो मुझे मंत्री के रूप में ही देखते रहे।