संजय गुप्ता, INDORE. मप्र का सरताज (सीएम) कौन? यह रेस सोमवार यानि आज खत्म होने जा रही है। विधायक दल की बैठक में सभी की रायशुमारी के बाद इस नाम पर मुहर लग जाएगी। वहीं इंदौर की नौ विधायकों की ओर भी नजरें रहेंगी, कि यह कैलाश विजयवर्गीय के लिए अपनी राय देते हैं या फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में जाते हैं। मौजूदा नौ विधायकों में छह सीधे-सीधे शिवराज सिंह से जुड़े हैं तो फिर दो विजयवर्गीय से, वहीं एक विधायक जीत के बाद ढुलमुल की स्थिति में हैं।
किस विधायक की क्या है स्थिति
कैलाश विजयवर्गीय : इंदौर एक से विधायक, खुद ही सीएम रेस में हैं, यदि इनके नाम की सहमति नहीं बन रही है तो यह फिर किसके साथ जाएंगे, यह बड़ा सवाल होगा? शिवराज सिंह चौहान की जगह इनके संबंध नरेंद्र तोमर और प्रह्लाद पटेल से अधिक बेहतर है। तोमर के घर पर ही इनके परिवार की शादी दिल्ली में हुई थी, जिसमें पीएम मोदी भी आए थे। वहीं तोमर के बेटे का वीडियो वायरल होने के समय यह खुलकर उनके समर्थन में उतरे थे। पटेल से भी इनके पुराने संबंध रहे हैं। अंदरखाने में यह भी संभव है कि यह बात हो कि सीएम के लिए आप समर्थन दो, हम दूसरे पद (प्रदेशाध्यक्ष) के लिए आपको समर्थन देते हैं।
रमेश मेंदोला : इंदौर दो से चौथी बार के विधायक मेंदोला, शिवराज सिंह को पसदं करते हैं लेकिन साथी तो विजयवर्गीय ही है, जो भाई और मित्र के रूप में सालों से जुड़े हुए हैं। यह निश्चित तौर पर विजयवर्गीय के साथ जाएंगे। वह यदि रेस में आगे नहीं तो फिर शिवराज सिंह चौहान को पसंद करेंगे, हाल के समय में उनके संबंध शिवराज सिंह के साथ बेहतर हुए हैं।
गोलू शुक्ला : इंदौर तीन से पहली बार के विधायक। यह पहले विजयवर्गीय गुट के साथ थे, फिर शिवराज सिंह चौहान के करीबी हुए, जिसके बाद इन्हें आईडीए में पद मिला। लेकिन जिस तरह से विधानसभा तीन में इनकी जीत हुई, इसके लिए विजयवर्गीय और उनके पुत्र आकाश की बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में रायशुमारी में यह किसके साथ जाएंगे तय करना मुश्किल है, लेकिन यह जरूर चाहेंगे कि सीएम शिवराज या विजयवर्गीय ही हो।
मालिनी गौड़ : विधानसभा चार की चौथी बार की विधायक। यह सीधे शिवराज सिंह चौहान के गुट की है। विजयवर्गीय और गौड़ के बीच में कभी भी बेहतर संबंध नहीं रहे हैं। वहीं गौड़ सीधे हमेशा सीएम चौहान के साथ जुड़ी रही है।
महेंद्र हार्डिया : इंदौर विधानसभा पांच के पांचवी बार के विधायक। सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ जुड़े रहे हैं। हालांकि विजयवर्गीय से भी इनके संबंध मधुर है, लेकिन पहली पसंद तो चौहान ही रहेंगे। लेकिन निश्चित तौर पर यह भी चाहेंगे कि शिवराज नहीं तो फिर विजयवर्गीय ही सीएम के लिए आगे आएं। वहीं खुद ओबीसी है तो बात ओबीसी चेहरे की उठती है तो प्रह्लाद पटेल बनेंगे पसंद।
राऊ : विधायक मधु वर्मा पहली बार के विधायक है। सीएम शिवराज सिंह चौहान इन्हें पसंद करते हैं और यह भी चौहान गुट के ही है। हालांकि राजनीतिक स्तर पर इनके संबंध सभी से मधुर है, लेकिन यह भी जानते हैं कि शिवराज के सीएम बनने पर यह अपनी विधानसभा में काफी काम आसानी से करा लेंगे।
महू : विधायक ऊषा ठाकुर, चौथी बार की विधायक है। मंत्री भी है। पूरी तरह शिवराज सिंह चौहान की ओर से ही है। विजयवर्गीय से संबंध 2018 में विधानसभा तीन से टिकट बदलने के बाद कड़वे हो गए थे। जो अभी तक मधुर नहीं हुए हैं।
सांवेर : मंत्री तुलसी सिलावट, विजयवर्गीय से संबंध ठीक है वैसे सीएम के रूप में तो पहली पसंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ही रहेंगे, हर स्तर पर यह रायशुमारी में उन्हीं का नाम देंगे। खुद भी अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से डिप्टी सीएम के लिए दावेदारी करेंगे, सिंधिया भी खुद सीएम रेस में नहीं तो फिर सिलावट के डिप्टी सीएम की कोशिश कर सकते हैं। सिंधिया रेस में नहीं तो फिर शिवराज सिंह चौहान ही पहली पसंद रहेंगे।