क्या सुलह करा पाएंगे वेणु ‘गाेपाल’ ! राजस्थान का ‘पायलट’ बनने में सचिन काे अभी और कितना इंतजार

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Chakresh
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क्या सुलह करा पाएंगे वेणु ‘गाेपाल’ ! राजस्थान का ‘पायलट’ बनने में सचिन काे अभी और कितना इंतजार

JAIPUR. राजस्थान कांग्रेस की उठापटक वाली राजनीति के लिए आने वाला सप्ताह अहम साबित हो सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पहले दिल्ली में राजस्थान के असंतुष्ट कांग्रेस नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मुलाकात की और इसके बाद गुरुवार देर रात जयपुर में सीएम अशोक गहलोत से करीब एक घंटे चर्चा की। इन दोनों ही मुलाकातों को राजस्थान कांग्रेस दो बड़े विपरीत धुर्वाें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को एक जाजम पर लाने की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी विदेश दौरे से लौट आए हैं और पार्टी के अध्यक्ष भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे हों, लेकिन इस विवाद का फैसला राहुल गांधी के स्तर पर ही होना है। इसलिए यह माना जा रहा है कि अगले सप्ताह राजस्थान कांग्रेस में कोई बड़ा बदलाव या सुलह-सफाई के लिए कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है।



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29 मई को मिले थे दोनों नेता



कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अपना रुख राजस्थान की ओर कर लिया था और इसी कड़ी में 29 मई को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राहुल गांधी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मीटिंग हुई थी। करीब चार घंटे चली इस मीटिंग के बाद केसी वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं के साथ बाहर आकर ऐलान किया था कि दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि दोनों नेताओं के बीच सुलह का फार्मूला क्या तय हुआ, इस पर वेणुगोपाल कुछ नहीं बोले थे।



पायलट ने नहीं किया आंदोलन, साधी चुप्पी



इस बैठक के बाद सचिन पायलट ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली और मीटिंग में क्या हुआ, इस पर उनका कोई बयान नहीं आया। हालांकि इतना जरूर हुआ कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल मेें हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच, राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने और पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देने की अपनी मांगों पर उन्होंने आंदोलन की जो घोषणा की थी, उस पर कुछ नहीं किया।



राहुल के आते ही वेणुगोपाल जुटे



दरअसल बैठक वाली रात को ही राहुल गांधी विदेश चले गए थे, इसलिए 25 दिन तक स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। अब वे विदेश से लौट आए हैं और आज पटना में विपक्षी दलों के साथ होने वाली बैठक के बाद अगले सप्ताह में राजस्थान को लेकर जो भी फैसला पार्टी ने किया है, वह सामने आ सकता है। वेणुगोपाल की दिल्ली में पायलट और जयपुर में गहलोत के साथ बैठकें इसी सिलसिले में बताई जा रही हैं। दरअसल वेणुगोपाल, राजस्थान के मंत्री भजनलाल जाटव के यहां एक शादी के बहाने जयपुर आए थे। शादी अटेंड करने के बाद देर रात उनकी एक होटल में सीएम गहलोत के साथ करीब एक घंटे मुलाकात होना बतायाा जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब फैसले में देरी की सम्भावना कम ही है।



यह हो सकता है फैसला



पार्टी सूत्रों का कहना है कि चूंकि चुनाव में समय ज्यादा बचा नहीं है, इसलिए अब सचिन पायलट गुट का सारा जोर इस बात पर है कि टिकट वितरण में उनकी अहम भूमिका रहे और अगली बार के लिए पायलट को ठोस भरोसा दिलाया जाए। ऐसे में पायलट के लिए यह भूमिकाएं तय की जा सकती हैं-





पायलट काे मिल सकते हैं ये OPTION




  • सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि इस फैसले को लागू करने के लिए गोविंद सिंह डोटासरा को हटाना होगा, जो जाट समुदाय की नाराजगी का कारण बन सकता है।


  • सचिन पायलट को कैम्पेन कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, ताकि चुनाव अभियान और टिकट वितरण में उनका पूरा दखल रहे।

  • पायलट को पार्टी का सीएम फेस घोषित किया जा सकता है, हालांकि इसकी सम्भावना कम ही है, क्योंकि राजस्थान जैसी गुटबाजी की स्थितियां कर्नाटक में भी थी और वहां पार्टी ने ऐसा नहीं किया था।


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