ऑटोमेटिक सिग्नल लगाने का काम दो साल और चलेगा, इसके लगने से 10 किमी के दायरे में चल सकेंगी 3 ट्रेनें, यात्रियों का समय भी बचेगा

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The Sootr CG
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ऑटोमेटिक सिग्नल लगाने का काम दो साल और चलेगा, इसके लगने से 10 किमी के दायरे में चल सकेंगी 3 ट्रेनें, यात्रियों का समय भी बचेगा

RAIPUR. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए पटरियों के साथ सिग्नल का भी काम किया जा रहा है, जिससे लोगों को राहत मिल सके। रायपुर मंडल में ऑटोमेटिक सिग्नल का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इसे पूरा करने में अभी दो साल और लगेंगे। ऑटोमेटिक सिग्नल लगने से 10 किलोमीटर के दायरे में एक पटरी पर तीन ट्रेनें चल सकेंगी। इससे पहले ऑटोमेटिक सिग्नल नहीं होने के कारण दो ट्रेनों के बीच लंबा गैप रखना पड़ रहा है। यही कारण है कि ट्रेनों की स्पीड भी नहीं बढ़ रही है। रायपुर रेलवे मंडल के सीनियर डीसीएम विपिन वैष्णव ने बताया कि ऑटोमेटिक सिग्नल लगाने का काम शुरू हो रहा है। इसे तीन चरणों में इसे लगाया जाएगा। काम पूरा होने में करीब दो साल लगेंगे।

नहीं बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड

रेलवे के मुताबिक ऑटोमैटिक सिग्नल लगने के बाद यात्रियों के समय की बचत होगी तो वहीं 20 से 25 प्रतिशत ट्रेनों की क्षमता भी बढ़ेगी। दुर्घटनाओं की आशंका भी लगभग खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को हर गाड़ियों की जानकारी हर पल मिल मिलेगी। रायपुर रेलवे स्टेशन से एक दिन में 112 ट्रेनें गुजरती हैं। मुंबई-हावड़ा मार्ग होने से अक्सर ट्रेनें एक के बाद एक चलती हैं। सिग्नल ना मिल पाने की वजह से अक्सर गाड़ियां देर से चलती हैं।

ऐसे काम करेगा ऑटोमैटिक सिग्नल

नई व्यवस्था के तहत स्टेशन यार्ड के डबल डिस्टेंस सिग्नल से आगे हर एक किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जा रहे हैं। सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी। अगर आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाएगी। जो ट्रेन जहां रहेंगी, वहीं रुक जाएंगी। इससे दुर्घटनाओं की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।

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