KHARGONE. बीजेपी जहां एक ओर यह ऐलान कर चुकी है कि 39 घोषित प्रत्याशियों में कोई बदलाव नहीं होगा, वहीं चुनाव की घोषणा के काफी पहले प्रत्याशियों के ऐलान की रणनीति का दांव उल्टा भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जगह-जगह प्रत्याशियों के विरोध में कार्यकर्ता लामबंद हो रहे हैं। खरगोन की महेश्वर सीट से घोषित किए गए प्रत्याशी राजकुमार मेव के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। उनका पुतला फूंका गया और पर्यवेक्षकों के सामने नाराजगी भी जताई गई। आरोप है कि राजकुमार मेव हमेशा पार्टी में गुटबाजी करते आए और पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को विधानसभा का टिकट भी दे दिया।
प्रदर्शन कर किया फैसले का विरोध
महेश्वर विधानसभा में पार्टी द्वारा लिए गए फैसले से असंतुष्ट काफी ज्यादा कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। पार्टी प्रत्याशी का पुतला मंडलेश्वर में पुलिस चौकी के सामने ही फूंका। बता दें कि इस प्रदर्शन में दावेदारी कर रहे आधा दर्जन नेता भी शामिल थे। दरअसल मेव ने साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी से बागी होकर बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
वफा का मिला यह सिला
राजकुमार मेव के विरोधी और उनकी बगावत के बावजूद पार्टी का झंडा उठाने वाले नेताओं का कहना था कि पार्टी के प्रति समर्पण का यह फल मिला है कि पार्टी ने बगावत करने वाले को पुरस्कृत कर दिया। जिसके चलते हम लोगों ने पार्टी के फैसले का विरोध किया है। यदि फैसला नहीं बदला गया तो पार्टी को यहां नुकसान भी उठाना पड़ेगा। बीजेपी की जिला कार्यसमिति के सदस्य पुरुषोत्तम पवार ने कहा कि पार्टी ने भ्रमित होकर उम्मीदवार की घोषणा कर दी।
ये भी थे दावेदार
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे किशोर छटीये, रितेश रोकड़े और कृष्णकांत रोकड़े भी विधानसभा के लिए दावेदारी पेश कर रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी विरोधी व्यक्ति को टिकट देकर सही नहीं किया गया।
उल्टा भी पड़ सकता है दांव
आमतौर पर राजनैतिक दल पहले से प्रत्याशियों की घोषणा करने से इसलिए भी बचते हैं कि ज्यादा समय मिल जाने पर प्रत्याशी के खिलाफ बगावत और गुटबाजी का भी खतरा रहता है। जिस प्रकार से पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन हुआ और खरगोन में पुतला फूंककर विरोध जताया गया। उससे यह आशंका जताई जा रही है कि पार्टी द्वारा किया गया यह नवाचार पूरी की पूरी 39 सीटों पर भारी न पड़ जाए।