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KOTA. राजस्थान के कोटा में रिवर फ्रंट पर बिना जोड़ यानी की सिंगल पीस कास्टिंग वाली घंटी लगने वाली है। जो कि इस दुनिया कि सबसे बड़ी घंटी है। इस घंटी का वजन 79 हजार किलो है। यह 13 तरह की धातुओं को पिघलाकर बनाई गई है। यह घंटी बहुत खास होगी क्योंकि इसे बजाने से इसमें से ओम की ध्वनि सुनाई देगी, जिसका असर 8 किलोमीटर तक रहेगा।
घंटी को बनाने के लिए 35 भट्टी गुजरात से लाई गईं
कोटा की इस 79 हजार किलो की यह घंटी चीन और रूस की भारी घंटियों से भी मजबूत है। इसका व्यास 8.5 मीटर और ऊंचाई 9.25 मीटर है। इसे एक कास्टिंग इंजीनियर देवेंद्र आर्य ने तैयार किया है। देवेंद्र ने बताया कि इस घंटी को आकार देने के लिए पहले 3-4 हजार डिग्री तापमान पर धातुएं पिघलाई गईं थीं। धातुएं पिघलाने के लिए 35 भट्टी गुजरात से लाई गई थीं। उन्होंने बताया कि इस तापमान को 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया गया क्योंकि तापमान को सेट किए बिना 3 डी डिजाइन नहीं बन सकती थी।
60 मिनट रहे सबसे मुश्किल
देवेंद्र आर्य ने बताया कि इस पिघली धातु को सांचे में ढालने का काम 60 मिनट में होना था। इस काम का हर मिनट उनके लिए जरूरी था। यह एक घंटा उनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल था। इसे बनाने में 200 से ज्यादा एक्सपर्ट की टीम लगी और इस दौराम करीब हजार कर्मचारियों ने 10 अलग-अलग प्रकार के प्रोजेक्ट पर काम किया। यही नहीं बल्कि इसे बनाने में 200 से ज्यादा कर्मचारियों ने लगातार 40 घंटे काम किया।
जॉइंटलेस चेन का किया गया प्रयोग
इस खास घंटी को बनाने के लिए जॉइंटलेस (इन एज कास्ट कंडीशन) चेन का प्रयोग किया गया है। यह चेन बिना जोड़े बनाई गई है जो कि अभी तक की सबसे बड़ी चेन है। इसकी लंबाई साढ़े छह मीटर और वजन 425 किलो है। बता दें कि घंटी बनाने से पहले बनाई गई 3डी डिजाइन भी अब तक की सबसे बड़ी फाइबर डिजाइन है।
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