संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में एक युवक ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। मौत से पहले पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने शोरूम संचालक और अन्य के साथ पुलिस के अधिकारियों, सिपाही के नाम भी प्रताड़ित करने वालों में लिखे हैं। साथ ही युवक ने सुसाइड नोट में अपना शव मेडिकल कॉलेज को दिए जाने का बात लिखी है। युवक द्वारा जान दिए जाने के बाद पुलिस फिर निशाने पर है और पुलिस अधिकारी मामले की जांच करने और सभी के बयान लेने की बात कह रहे हैं। मामला भंवरकुआं थाने का है, युवक ने कर्ज लिया हुआ था, कुछ लोगों ने कर्ज को लेकर उसकी भी शिकायत की हुई थी।
यह है मामला
भंवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि 15 जून को रात करीब पौने 9 बजे राजीव शर्मा उम्र 41 साल निवासी रॉयल कृष्णा कॉलोनी ने भंवरकुआं थाना क्षेत्र के ग्रैंड राज होटल में फांसी लगा ली। राजीव ने पांच पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें पुलिस के एसआई महेश चौहान और सिपाही प्रशांत परिहार, शोरूम मालिक अशोक गोयल और दुकान के कर्मचारी विकास जड़िया और उसकी मां नर्मदा बाई सहित कई लोगों के नाम लिखे हैं। नोट में लिखा है कि उस पर झूठा प्रकरण बनाकर जेल भेज दिया गया। उससे लाखों रुपए लेने के साथ ही जेवर भी रख लिए। इस कारण वह कर्ज में दब गया। अभी भी प्रशांत और नरेन्द्र उससे रुपए की मांग कर रहे हैं। कंगाल हो चुका हूं, अब उसकी पत्नी के जेवर बेचकर रुपए देने की बात कर रहे हैं।
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यह आरोप लगे हैं सुसाइड नोट में
राजीव मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था। आरोप है कि वर्ष 2021 में राजीव शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था, इस दौरान पुलिस थाने के जांच अधिकारी महेश चौहान और आरक्षक प्रशांत परिहार ने राजीव के साथ गलत व्यवहार किया। सुसाइड नोट के मुताबिक पुलिस कर्मियों ने राजीव से महंगे सामान जब्त किए, इसमें स्वर्ण आभूषण और गाड़ियां शामिल हैं, लेकिन इन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया। साथ ही राजीव के जेल से बाहर आने के बाद प्रताड़ित करने लगे और 20 लाख रुपए की मांग की। आरोपी पुलिसकर्मी अपने दोस्त के फोन के अलावा सीधे कभी भी फोन पर राजीव से बात नहीं करते थे। पुलिस ने रविवार (17 जून) को बयान के लिए एसआई महेश चौहान और सिपाही प्रशांत परिहार, शोरूम मालिक अशोक गोयल को बुलाया है। सुसाइड नोट में जो आरोप लगाए गए, उसके जवाब तीनों से लिए जाएंगे।
परिवार के लिए लिखा, बेटे को लैपटॉप, बेटी को डायमंड टॉप्स दिलाना, यही अंतिम गिफ्ट
निशा जी और बच्चों, मैं आप लोगों से बहुत दूर जा रहा हूं। मेरी वजह से आप लोगों को बहुत परेशानी हुई। मैं आप लोगों से माफी मांगता हूं। श्रेष्ठ और सृष्टि आप दोनों भाई-बहन एक-दूसरे का ध्यान रखना और अपनी मां का भी ध्यान रखना। मेरे LIC में 7 लाख रुपए जमा है। वह निकालकर श्रेष्ठ के लिए एक लैपटॉप और मोबाइल 5G वाला दिला देना। सृष्टि को कान के डायमंड का टॉप्स भी दिलवाना। ये मेरी तरफ से अपने बच्चों के लिए अंतिम उपहार है। आप अपने लिए कान के और गले का हार बनवा लेना।
पुलिस अधिकारियों के लिए यह लिखा है
'मैं कुछ लोगों की प्रताड़ना के चलते सुसाइड कर रहा हूं। मुझे सबसे ज्यादा पुलिस सब इंस्पेक्टर चौहान और प्रशांत सिंह परिहार ने परेशान किया है। प्रशांत सिंह के कहने पर SI चौहान ने झूठा केस रजिस्टर्ड कर मुझे जेल भेज दिया। जेल से आने के बाद से कह रहा है कि 15 जून तक अगर 20 लाख रुपए नहीं दिए तो मुझे ऐसे केस में फसाऊंगा कि जमानत भी नहीं होगी। पहले भी यह मुझे झूठे केस में जेल भिजवा चुके हैं। जब SI चौहान ने मुझे गिरफ्तार किया था तो बहुत सारा सामान जब्त किया था। मेरी पत्नी निशा राज के नाम से जो सामान जब्त किया था, वह तो मुझे कोर्ट से मिल गया, लेकिन मुझसे SI चौहान ने दो पेपर साइन करवाए थे। इसमें एक पेपर पर 20 हजार रुपए और की-पेड मोबाइल की बरामदगी लिखी थी। जब्ती के दूसरे पेपर को कोर्ट में जमा नहीं किया गया। इसमें मेरे बहुत सारे सामान की जब्ती दिखाई गई थी। जब्ती में मेरा HP का लैपटॉप, सोने का कड़ा, चेन, चांदी की मूर्ति, चांदी के बर्तन और मेरा मोबाइल यह सब एक पेपर में दिखाया गया था। इसे कोर्ट में जमा नहीं किया गया। जेल से बाहर आने के बाद मैंने SI और प्रशांत से इस बारे में पूछा तो प्रशांत के कहने पर SI चौहान बोला कि सामान को भूल जाओ, नहीं तो बहुत बुरा करूंगा। SI चौहान ने यह सब प्रशांत सिंह परिहार के कहने पर किया। मैं, प्रशांत सिंह और उसकी पत्नी अनीता से तीन-तीन लाख, टोटल छह लाख रुपए उसके अकाउंट से अपनी दुकान जय माता दी एंटरप्राइजेस के अकाउंट में लिया था। उसके बदले में मैंने 7 लाख का चेक दिया था।
मेरे और पत्नी पर झूठा केस लगवाया
जनवरी 2021 से फिर प्रशांत रुपए की मांग करने लगा। मैंने बोला कि अब किस चीज का रुपया है, जब सारा रुपया मैंने दे ही दिया है। इस पर प्रशांत ने नर्मदा बाई को आगे कर मेरे और पत्नी के ऊपर झूठा केस लगवाया। फर्जी स्टाम्प पेपर, फर्जी साइन सारे सबूत कोर्ट में जमा करा दिए थे। प्रशांत का आदमी मुझे जेल से निकलने के बाद मिलता रहा। अपने मोबाइल से ही प्रशांत और SI चौहान से मेरी बात करवाता है। प्रशांत मुझे धमकी दे-देकर जेल से निकलने के बाद से मुझसे 1 लाख 90 हजार रुपए ले चुका है। प्रशांत के कहने पर SI चौहान भी 20 लाख मांग रहा है। प्रशांत और SI चौहान को कहां से दूं रुपए। मेरा जो सोना था, वह भी मैंने अशोक कुमार गोयल (बिल्डिंग मालिक) के पास गिरवी रखा है।
मेरे खिलाफ फर्जी केस बनाया, बच्चों को भी पकड़ा
सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि SI चौहान को पता था कि पूरा केस फर्जी है, लेकिन उसके बाद भी मेरी पत्नी और मुझे जेल भिजवा दिया। SI चौहान ने मुझे और मेरी पत्नी को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। वह भी कानून के हिसाब से गलत ही था। SI चौहान अपने साथ प्रशांत को किस कानून के हिसाब से लेकर आया था। बिना महिला पुलिस के मेरी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों को गिरफ्तार किया गया। मैं दिन में बाहर था। जब रात में 9 बजे वापस आया तब तक मेरी पत्नी और बच्चों ने इनकी कस्टडी में किन परेशानियों का सामना किया। बस इनके साथ एक आरक्षक था। SI चौहान हमेशा प्रशांत सिंह के कहने पर नियम तोड़ता रहा। उसी के कहने पर सामान भी रख लिया और देने से मना कर रहा है। उल्टा 20 लाख रुपए मांग रहा है। नहीं देने पर झूठा केस लगा देगा, ताकि मेरी जमानत भी ना हो सके। एसआई चौहान रुपए के लिए बहुत नीचे गिर गया है। उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए। वह अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल कर रहा है। मेरी मौत का जिम्मेदार प्रशांत सिंह परिहार, SI चौहान, अशोक कुमार गोयल, विकास डोडिया को सजा मिलनी चाहिए।