BHOPAL. भोपाल के कोलार इलाके में रहने वाले युवक की पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान में मौत का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक उसे सोमवार की शाम को पुलिस ने घर से उठाया था। तीन घंटे बाद परिजनों को एम्बुलेंस के चालक ने उसकी गंभीर हालत की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर लिया है। फिलहाल केस की न्यायिक जांच कराई जा रही है।
चलते वाहन से कूदने पर आरोपी घायल
इस मामले पर पुलिस का कहना है कि सोमवार को थाने ले जाते समय युवक ने भागने का प्रयास किया और वाहन से कूद गया और चलते वाहन से नीचे कूदने की वजह से आरोपी घायल हो गया था। इसके बाद उसे जेपी अस्पताल में एडमिट कराया गया। मंगलवार को युवक को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे परिजनों के कहने पर रात में निजी अस्पताल में शिफ्ट कराया। जहां रात में उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई पदम सिंह लोधी का कहना है कि उसका छोटा भाई मुकेश (45) निवासी अमरावत खुर्द थाना कोलार क्षेत्र में रहता था। जानकारी के मुताबिक वे किसानी करता है। सोमवार की शाम को मोहल्ले में रहने वाली आशा कार्यकर्ता मच्छरदानी वितरण कर रही थी। मुकेश की पत्नी मच्छर दानी लेने पहुंची थी। जहां आशा कार्यकर्ता ने उससे दो सौ रूपए देने की मांग की। रकम मांगने की वजह पूछने पर उससे बहस की गई। तब बहू ने यह बात पति को बताई।
परिवार को संदेह है कि पुलिस ने आरोपी को डंडा मारा है
मुकेश ने आशा से बात की तो उसने उसके साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया। जिसके बाद उसने भी अपने पति भगवानदास साहू को बुला लिया। पति ने आने के बाद मुकेश से बहस की, दोनों के बीच लड़ाई-झगड़ी हुआ। इसके बाद भगवानदास ने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया। एक टवेरा वाहन से कोलार थाने के राजकुमार और गोपाल आए। उन्होंने वाहन में मुकेश को बैठाया और साथ आशा कार्यकर्ता और उसके पति भी बैठे। इसके तीन घंटे तक भाई के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद एम्बुलेंस के चालक ने कॉल कर बताया कि मुकेश घायल हालत में मिला था। जेपी अस्पताल पहुंचे तो वहां भाई की हालत बेहद नाजुक थी। उसकी कनपटी के पीछे चोट का निशान था। इस पर पुलिस ने बताया कि वह वाहन से कूद गया था। हमें संदेह है कि उसे पुलिस ने डंडा मारा है।