RAIPUR. छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र के शुरुआत के साथ ही युवाओं का सड़कों पर आंदोलन शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में एसटी-एससी वर्ग के युवा नग्न होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। युवाओं का आरोप है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर लोगों को नौकरी दे दी गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के विधानसभा रोड पर एसटी-एससी वर्ग के युवा नग्न होकर प्रदर्शन पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले लोगों को बर्खास्त करने और एफआईआर की मांग भी की है। हालांकि 29 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति का मामला गर्माया हुआ है। युवाओं का आरोप है कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों और राजनीतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं। इस मामले की गंभीरता देखते हुए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाकर उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश खानापूर्ति ही साबित हुआ। सरकारी आदेश को पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए, तो कुछ ने जांच समिति की रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं, जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने पर मौज काट रहे हैं और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाएं दे रहे हैं। इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और बीते पिछले दिनों में आमरण अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी के तबीयत बिगड़ गई, लेकिन सरकार और प्रशासन का रवैया उदासीन रहा। जिसके बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन को स्थगित कर आगामी होने वाले मॉनसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।