इंदौर में पटवारी भर्ती हुई धांधली का विरोध, युवाओं ने घेरा कलेक्टोरेट, CBI जांच की मांग, बोले- पेपर लीक करने वालों को उम्रकैद हो

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Vikram Jain
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इंदौर में पटवारी भर्ती हुई धांधली का विरोध, युवाओं ने घेरा कलेक्टोरेट, CBI जांच की मांग, बोले- पेपर लीक करने वालों को उम्रकैद हो

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में गुरुवार को हजारों युवा, एक बार फिर सड़क पर उतर गए, इन युवाओं ने पहले पैदल मार्च किया और फिर कलेक्टोरेट का घेराव किया। यह सभी पटवारी परीक्षा में धांधली के आरोप लगा रहे थे, इन्होंने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को ज्ञापन भी दिया और शासन से इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग रखी। इस प्रदर्शन में मुख्य तौर पर इंदौर के कोचिंग संचालक, उनके छात्र व अन्य युवा शामिल हुए थे। साथ ही नेशनल यूथ एजुकेटेड यूनियन (NEYU) के पदाधिकारी भी इसमें आए थे। सभी ने कहा कि कानून बनाकर पेपर लीक के दोषी को उम्रकैद की सजा कराई जाए। 



दो घंटे चला प्रदर्शन, युवाओं में दिखा आक्रोश



पटवारी परीक्षा में हुई धांधली को लेकर युवा उम्मीदवारों में खासा आक्रोश देखने को मिला। युवाओं ने कहा कि घोटालों के कारण हम युवाओं की नौकरी दूसरों को दी जा रही है। सालों से हम मेहनत कर रहे हैं और रेवड़ी कोई और खा रहा है। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में दावा किया है कि व्यापमं द्वारा पटवारी ग्रुप-2, सबग्रुप-4 एग्जाम की जो टॉप टेन लिस्ट बनाई है, उनमें से 7 कैंडिडेट ग्वालियर के एक ही कॉलेज से हैं। इन टॉपर्स की आंसर-की देखने पर पता चला है कि इन्होंने अपने परीक्षा फॉर्म में साइन अंग्रेजी में किए थे, जबकि इन लोगों को अंग्रेजी विषय के पेपर में 25 में से 25 नंबर दिए गए हैं। इनमें से कुछ छात्र तो ऐसे हैं जिन्होंने पहली ही बार में एग्जाम में टॉप किया है। प्रदर्शनकारी और कोचिंक संचालक आदित्य पटेल ने यहां तक कहा कि केवल टॉप टेन की लिस्ट जारी होने से यह घोटाला सामने आए हैं, पूरी सूची जारी की जाए तो यह घोटाला बहुत बड़ा होगा। अब उम्मीदावरों का एक के बाद एक घोटाला सामने आने के बाद विश्वास उठता जा रहा है। कोचिंग संचालक दिलीप राय जायसवाल ने कहा कि इस तरह तो सही प्रतिभाएं दब जाएंगी, सिस्टम तक सही बात पहुंचाना जरूरी है।



चयनित उम्मीदवारों को पहले ही मिल गई थी आंसर शीट



प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने बताया ऐसी महिला कैंडिडेट जिन्होंने पटवारी के पद पर जॉइनिंग दी है, जबकि उनके सर्वाधिक नंबर होने से वे पटवारी से भी ऊपर के पद के लिए पात्र हैं। परीक्षा में उत्तर देते समय इन्होंने सिर्फ वही ऑप्शन चुने जो व्यापमं द्वारा गलती से कुछ प्रश्नों के उत्तर में दे दिए थे। इससे ऐसा लगता है कि इन कैंडिडेट को व्यापमं द्वारा जारी आंसर शीट पहले ही मिल गई थी। इनके अलावा और भी कुछ बातें ऐसी हैं, जिनसे समय में आता है कि ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक किए गए हैं।



यह सभी मांगे रखी गई



1- पूरी परीक्षा की सीबीआई जांच हो



2- सभी दस टॉपर्स की पूरी वीडियोग्राफी, जिसमें उनका रिस्पांस टाइम पता चलता हो, जारी किया जाए।



3- सभी दस टॉपर्स का सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में मीडिया ट्रायल कराया जाए।



4- सभी जांच समय सीमा में दस दिन में पूरी की जाए।



5- जांच पूरी होने तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और पोस्टिंग की प्रक्रिया को लंबित रखा जाए।



6- आगामी सभी परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड में कराया जाए।



7- दिव्यांग कोटे में पात्रता के लिए कई कैंडिडेट फर्जी प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं। उनकी जांच कर कार्रवाई की जाए।



8- पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाकर दोषियों को उम्र कैद की सजा दी जाए।



NEYU ने पेपर पहले ही बिकने का लगाया आरोप



NEYU (नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन) के राधे जाट, रंजीत किसानवंशी, सुरेंद्र यादव, सचिन यादव ने आरोप लगाया कि व्यापमं के दलालों द्वारा पहले से ही पेपर पहले ही बेचा जा चुका था जिसके कई  सबूत हमारे सामने आए हैं। सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है उल्टे प्रदेश के गृहमंत्री इसको राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। अब जल्द ही भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करेंगे। 



NEYU ने कहा कि इन सवालों का जवाब चाहिए। 



1- एक ही एग्जाम सेंटर से सारे टॉपर कैसे ?



2- ESB द्वारा जो टॉप 10 छात्रों की लिस्ट जारी की गई उसमें 7 छात्र वह है जिनका एग्जाम सेंटर NRI कॉलेज ग्वालियर था यहां बीजेपी विधायक से संबंधित कॉलेज बताया जा रहा है।



3- जो टॉपर NRI कॉलेज से हैं वह रोल नंबर 2488 7991 से 2488 9693 के बीच आने वाले 17 से छात्रों में से हैं जबकि यहां एग्जाम लगभग 14 लाख लोगों ने दी तो इन 1700 छात्रों में से ही सारे टॉपर कैसे आ गए ?



4- जो टॉप 10 में आए हैं उनके एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में है सभी सिग्नेचर के राइटिंग सेम है इन्होंने एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में किए हैं जबकि अंग्रेजी के पेपर में पूरे मार्क्स प्राप्त किए हैं।



5- यह कैसे हो सकता है जो अपने सिग्नेचर हिंदी में करें वह व्यक्ति अंग्रेजी के पेपर में पूरे नंबर प्राप्त करें ?



6- सभी टॉपर एक क्षेत्र विशेष से क्यों है ?



7- व्यापम द्वारा गलती से जिन प्रश्नों के गलत उत्तर दे दिए जिन्हे बाद में हटा दिया गया उन्ही गलत विकल्पों का जो व्यापम द्वारा दिए गए इनके द्वारा चयन कैसे किया गया ?



8- उक्त भर्ती, जिस परीक्षा एजेंसी से कराई जा रही है वह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट की हुई है। फिर भी ESB ने इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया।



9- जब परीक्षा चल रही थी तब ग्वालियर, मुरैना, सागर के कुछ संदिग्ध पकड़ाए थे जो पैसा लेकर थंब क्लोन बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। 



बीजेपी प्रवक्ता सलूजा ने यह दिए हैं जवाब



- जिन्होंने टॉप किया उन सभी की परीक्षा शिफ्ट अलग थी, एक ही साथ नहीं दी थी 



-  ग्वालियर में इस परीक्षा में केवल पांच फीसदी पास हुए, भोपाल में 42 फीसदी हुए हैं। 



- हिंदी में दस्तखत करना कोई गुनाह नहीं है। 



-  एक भी छात्र के 25 में से 25 अंक नहीं आए हैं। 



- जिस कंपनी ने परीक्षा कराई वह आईआईटी, नीट भी कराती है, ब्लैकलिस्ट नहीं है। 



- कांग्रेस सिर्फ युवाओं को गुमराह कर रही है।


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