BHOPAL. मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के वित्त विभाग ने प्रदेश के 26 विभागों के तीन माह के खर्चों के लिए नए सिरे से बजट सीमा तय की है। शनिवार, 20 जनवरी को अवकाश के बाद भी वित्त विभाग आदेश जारी किया है। जिसमें इन 26 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को मासिक व्यय सीमा तय कर उसके आधार पर ही भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इनमें 8 विभागों के लिए तो यह सीमा तय की गई है कि वे सिर्फ पीआईयू के द्वारा बनाए जाने वाले भवनों का पेमेंट ही कर सकेंगे। इन विभागों के लिए जनवरी, फरवरी और मार्च में खर्च किए जाने वाले बजट की राशि भी घोषित कर दी गई।
PWD और सिंचाई विभाग के लिए सबसे ज्यादा बजट
इससे पहले से ही सरकार वित्तीय संकट के चलते 38 विभागों को वित्त विभाग की परमिशन के बिना भुगतान करने पर रोक लगा चुकी है। अब नए आदेश में 26 विभागों की लिमिट तय की गई है। इसे भी सरकार के वित्तीय मैनेजमेंट से जोड़कर देखा जा रहा है। इसमें सबसे अधिक 2055 करोड़ रुपए लोक निर्माण विभाग (PWD) और 1255 करोड़ रुपए जल संसाधन विभाग के लिए तय किए गए हैं।
नगरीय निकायों की स्थिति सबसे खराब
सबसे खराब स्थिति तो नगरीय निकायों के मामले में है। नगरीय विकास के लिए तीन माह में व्यय सीमा जीरो रखी गई है। इसके चलते शहरी इलाकों में सड़कों और अन्य अधोसंरचना के काम पर असर पड़ना तय है। इसी तरह पर्यटन और पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए भी तीन माह में पूंजीगत मद में व्यय सीमा जीरो रखी गई है। पूंजीगत व्यय वह राशि है जिसका उपयोग व्यवसाय लंबी अवधि की संपत्ति खरीदने, बनाए रखने या बढ़ाने के लिए करते हैं।
8 विभाग सिर्फ PIU के पेमेंट के लिए खर्च कर सकेंगे राशि
वित्त विभाग द्वारा जारी बजट के मुताबिक कई विभागों को सिर्फ पीआईयू (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) के पेमेंट के लिए ही राशि जारी की गई है। इनमें स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, हेल्थ, तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास और रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, राजस्व और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग शामिल हैं। पीआईयू द्वारा इन विभागों के अधोसंरचना के काम किए जा रहे हैं। इसमें अस्पताल, लैब, प्रशिक्षण स्थल, छात्रावास, स्कूल आदि भवनों का निर्माण शामिल है।