BHOPAL. सरकार ने इस्तीफा देकर चर्चाओं में आई डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा अमान्य करार दिया है। कुछ माह पहले उन्होंने बैतूल के आमला में आयोजित धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए छुट्टी न मिलने से नाराज होकर पद से इस्तीफा दे दिया था। चर्चा थी कि निशा बांगरे आमला सीट से विधानसभा चुनाव की दावेदारी कर रही हैं। इसी बीच सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके इस्तीफे को अमान्य करार दिया है।
पुरुषोत्तम शर्मा का भी इस्तीफा हुआ था रिजेक्ट
इससे पहले सीनियर आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, पत्नी से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें कोई महत्वपूर्ण काम नहीं दिया जा रहा था, जिससे नाराज होकर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी भी राजनैतिक महत्वाकांक्षा विधानसभा चुनाव लड़ने की बताई जा रही थी। कुछ माह पहले ही सरकार ने उनका इस्तीफा अमान्य कर दिया था।
कोर्ट जा सकती हैं निशा
सरकार द्वारा इस्तीफा अमान्य करार दिए जाने के बाद निशा बांगरे अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं। दरअसल उन्होंने इस्तीफा देते समय शिवराज सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दलित होने का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि इसी वजह से उन्हें सर्वधर्म प्रार्थना में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा था कि पहले भी मंदिर में दाखिल होने नहीं दिया जाता था अब भी दलितों को घर जाने की परमीशन नहीं दी जा रही। उन्होंने अपने मकान के गृहप्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अवकाश का आवेदन दिया था।
सरकार की रुख से भड़की कांग्रेस
सरकार के इस फैसले से निशा बांगरे को अपना उम्मीदवार बनाने के बारे में विचार कर रही कांग्रेस भी भड़की हुई है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। दलित और ईमानदार महिला अधिकारी को प्रताड़ित किया जा रहा है। पहले तो सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल होने से रोका गया अब इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें परेशान किया जा रहा है।