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Apple ने अपने वर्चुअल असिस्टेंट Siri के माध्यम से बातचीत रिकॉर्ड करने और कथित तौर पर गोपनीयता भंग करने के मामले में 95 मिलियन डॉलर (करीब 790 करोड़ रुपए) का जुर्माना भरने पर सहमति व्यक्त की है। कैलिफोर्निया के ऑकलैंड की फेडरल कोर्ट में चल रहे इस पांच साल पुराने मामले का निपटारा अब समझौते के माध्यम से किया जाएगा।
क्या हैं आरोप?
Apple पर आरोप है कि उसने iPhone और अन्य डिवाइस में Siri के माध्यम से उपयोगकर्ताओं की बातचीत रिकॉर्ड की। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह रिकॉर्डिंग तब भी हुई जब यूजर्स ने Siri को एक्टिवेट नहीं किया था। इस बातचीत को न केवल Apple द्वारा स्टोर किया गया, बल्कि कथित तौर पर तीसरे पक्ष के साथ साझा भी किया गया। न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार, यह दावा किया गया है कि Apple ने यह गतिविधि एक दशक से अधिक समय तक की। इन आरोपों ने Apple की गोपनीयता-सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Apple का पक्ष
Apple ने समझौते पर सहमति जताते हुए यह स्पष्ट किया है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। कंपनी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह यूजर्स की गोपनीयता को लेकर प्रतिबद्ध है। Apple के CEO टिम कुक ने भी पहले कई बार गोपनीयता को मौलिक अधिकार बताया है।
इस समझौते के तहत Apple एक फंड बनाएगा, जिससे प्रभावित उपयोगकर्ताओं को प्रति डिवाइस अधिकतम $20 का मुआवजा दिया जाएगा। यह दावे 17 सितंबर 2014 से 2021 के अंत तक Apple डिवाइस का उपयोग करने वाले यूजर्स के लिए मान्य होंगे। साथ ही, Apple को यह सुनिश्चित करना होगा कि अनजाने में रिकॉर्ड की गई बातचीत का डेटा डिलीट किया जाए।
अदालत की प्रक्रिया और समझौते की स्थिति
कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार, मुकदमा दायर करने वाले वकीलों ने इस राशि में से 29.6 मिलियन डॉलर अपनी फीस और अन्य खर्चों के लिए मांगे हैं। हालांकि, अदालत ने अभी तक इस समझौते पर अंतिम मुहर नहीं लगाई है।
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