BHOPAL. पेटीएम का इस्तेमाल आप सभी ने कभी न कभी जरूर किया होगा। आजकल हर छोटी-बड़ी दुकान पर पेटीएम के क्यूआर कोड देखे जा सकते हैं। क्यूआर कोड स्कैन करके आप चंद सेकंड में पेमेंट कर देते हैं।मोबाइल फोन का रिचार्ज हो या मूवी की टिकट या फिर इलेक्ट्रिसिटी बिल ही क्यों ना भरना हो, हमें पेटीएम की याद आता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि पेटीएम को शुरू किसने किया और इसकी कहानी क्या है। आखिर वो कौन हैं जिनकी वजह से सब कहते हैं पेटीएम करो।
मिडिल क्लास फैमिली से निकला बिजनेसमैन
पेटीएम के फाउंडर का नाम है विजय शेखर शर्मा। विजय आज जाने-माने अरबपति हैं, लेकिन ये कामयाबी उन्हें कड़े संघर्ष के बाद मिली है। विजय का जन्म अलीगढ़ की एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। विजय ने सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाई की जिसकी वजह से उनकी अंग्रेजी कमजोर थी, लेकिन विजय ने अंग्रेजी अखबार और किताबों से अपनी अंग्रेजी सुधारी।
कॉलेज के दिनों में ही आया बिजनेस आइडिया
कॉलेज के दिनों में बीटेक में अच्छे नंबर नहीं आने की वजह से विजय ने कॉलेज जाना कम कर दिया और उस वक्त को सॉफ्टवेयर कोडिंग सीखने में लगा दिया। कॉलेज के दिनों में विजय ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर indiasite.net नाम की वेबसाइट बनाई जिसे 2 साल बाद बेचने पर उन्हें 1 मिलियन डॉलर मिले। विजय ने इन पैसों से One97 Communications Ltd. कंपनी खोली। अमेरिका की त्रासदी का असर विजय की कंपनी पर भी पड़ा और उन्हें लोन लेकर अपने कर्मचारियों को सैलरी देनी पड़ी। हालात इस हद तक बिगड़ गए कि विजय को एक कंपनी में नौकरी करनी पड़ी।
स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ा और विजय ने पेटीएम बनाया
स्मार्टफोन का उपयोग तेजी से बढ़ने का विजय शेखर शर्मा ने फायदा उठाया और Paytm.com नाम से एक वेबसाइट बनाई। इस वेबसाइट पर उन्होंने ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज की सुविधा शुरू की। कई वेबसाइट पहले से इस बिजनेस में थी, लेकिन पेटीएम से रिचार्ज करना ज्यादा आसान था। जब पेटीएम का बिजनेस चल पड़ा तब विजय ने इसमें वॉलेट, मनी ट्रांसफर और शॉपिंग के ऑप्शन भी जोड़ दिए। विजय शेखर शर्मा की कड़ी मेहनत के दम पर आज पेटीएम इंडिया के सबसे बड़े मोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में से एक बन चुका है।