NEWYORK. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले एक ड्रोन ने टेस्टिंग के दौरान ऑपरेटर को ही निशाना बना लिया। ऑपरेटर ड्रोन और उसके टर्गेट के बीच में आ रहा था। घटना अमेरिका की सेना की है। अमेरिकी सेना के कर्नल टकर किंको हैमिल्टन घटना की पुष्टि की है। खास बात यह है कि घटना में मारा गया ऑपरेटर भी वर्चुअल था। हालांकि अमेरिकी एयर फोर्स के प्रवक्ता एन स्टीफनेक ने कहा कि कर्नल के दावे गलत हैं, अमेरिकी सेना ने इस तरह का कोई भी टेस्ट नहीं किया है।
बीच में रोक दी थी कमांड
टेस्ट के दौरान ड्रोन को लगा कि ऑपरेटर उसके और टर्गेट के बीच आ रहा है, तो उसने ऑपरेटर को निशाना बना दिया। अमेरिकी सेना का कहना है कि यह टेस्ट वर्चुअली हुआ था इसलिए हकीकत में किसी इंसान को नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन, जो भी हो इस घटना से AI के खतरे सामने आ गए हैं। यह टेक्नोलॉजी किस तरह से अभी दोस्त और दुश्मन और अच्छे-बुरे में फर्क नहीं कर सकी है इस घटना से सामने आ गया है।
करना था दुश्मन का एयर डिफेंस तबाह
AI से चलने वाले ड्रोन को ऑपरेटर ने दुश्मन का एअर डिफेंस तबाह करने का आदेश दिया था। इसमें ड्रोन को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल को ट्रैक कर नष्ट करने की कमांड दी थी। लेकिन मिशन के बीच में ही ऑपरेटर ने अटैक करने से मना कर दिया था। इतना हुआ ही था कि AI से चल रहे ड्रोन ने ऑपरेटर पर ही अटैक कर दिया। ड्रोन ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि ऑपरेटर उसके मिशन में दखल दे रहा था।
टेलीकम्युनीकेशन टॉवर नष्ट किए
अमेरिकी सेना ने बताया कि जब ड्रोन को ऑपरेटर को मारने से रोका गया तो उसने कम्युनिकेश टॉवर को खत्म करना शुरू कर दिया।
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