ट्विटर विवाद: इंडिया हेड मनीष को राहत, बोले- केस कंपनी पर बनता है मैं तो कर्मचारी हूं

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ट्विटर विवाद: इंडिया हेड मनीष को राहत, बोले- केस कंपनी पर बनता है मैं तो कर्मचारी हूं

गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई की फेक न्यूज फैलाने के मामले में ट्विटरहेड इंडिया मनीष से थाने में पूछताछ होनी थी। लेकिन वो पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। मनीष ने राहत के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था। जहां अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें सोमवार तक राहत दे दी है। आज हुई सुनवाई में उन्होंने कहा कि, मेरे प्लेटफार्म का इस्तेमाल वीडियो अपलोड करने के लिए किया गया। अगर मामला बनता है तो मेरी संस्था के खिलाफ बनता है। मैं सिर्फ उस संस्था में एक कर्मचारी हूं।

ट्विटर के कर्मचारियों के सीमित अधिकार

सुनवाई में उन्होंने कहा मुझे 160 सीआरपीसी के तहत सम्मन भेजा गया है। मैंने कहा कि मैं वर्चुअल तरीके से स्टेटमेंट देने को तैयार हूं। लेकिन मुझे फिजिकली आने को कहा। जबकि ट्वीटर के किसी कर्मचारी के पास ये अधिकार नहीं है कि वो किसी भी वीडियो को प्लेटफार्म पर लाने से रोक सके। मैं इस केस में आरोपी भी नहीं हूं लेकिन फिर भी मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सहयोग करने को तैयार हूं। उन्होंने कहा- मेरा इस केस से कोई संबंध नहीं है। 

कोर्ट में सुनवाई

सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने यूपी पुलिस से सवाल पूछा कि आप ये बताएं ये शख्स किस तरह इस मामले के लिए जिम्मेदार है। अगर वो 160 के तहत आपसे बात करने के लिए तैयार थे तो आपको 41 (A) के तहत नोटिस जारी करने की क्या जरूरत थी। इस तरह तो आपने फरियादी को आरोपी बनाने की कोशिश की है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है तो वर्चुअल मोड में पूछताछ करना होगा। 

फेक न्यूज विवाद