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आज का इतिहास: कल्पना कीजिए, यह अगस्त 1995 का महीना है। दुनिया धीरे-धीरे बदल रही है, लेकिन किसी को ठीक-ठीक नहीं पता कि किस दिशा में। इंटरनेट का नाम सुनाई देने लगा है, ई-मेल की चर्चा हो रही है, लेकिन अभी भी ज़्यादातर लोग कंप्यूटर से घबराते हैं।
किसी दफ्तर में या लैब में जाकर लोग उसे “टाइपिंग मशीन प्लस कैलकुलेटर” समझते हैं। आम इंसान की जिंदगी में वह उतनी जगह नहीं बना पाया है। और फिर आता है 24 अगस्त 1995- वो दिन जब माइक्रोसॉफ्ट ने इतिहास रचा।
लॉन्च से पहले की दुनिया
उस जमाने के कंप्यूटर चलाना बिल्कुल कार चलाने जैसा था जिसमें हर गियर, हर लीवर, हर नियम आपको याद होना चाहिए। MS‑DOS या शुरुआती Windows वर्जन में काम करने का मतलब था कि आपको ब्लैक स्क्रीन पर अजीब से कमांड टाइप करने आते हों।
माउस एक नया-सा कॉन्सेप्ट था, लेकिन उसका इस्तेमाल सीमित था। घर-घर में कंप्यूटर जाने का ख्वाब बहुत धुंधला था, क्योंकि लोग कहते थे— “ये मशीन आम लोगों के लिए नहीं बनी।”
माइक्रोसॉफ्ट का बड़ा दांव
माइक्रोसॉफ्ट ने महसूस किया कि अगर कंप्यूटर को सच में लोकप्रिय बनाना है, तो उसे आसान बनाना होगा—इतना आसान कि कोई भी सामान्य इंसान, चाहे वह टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट हो या न हो, आसानी से इस्तेमाल कर सके।
- Windows 95 इसका जवाब था। और लॉन्चिंग इवेंट को माइक्रोसॉफ्ट ने एक टेक-उत्सव में बदल दिया।
- 23 अगस्त की रात को ही दुकानें सज चुकी थीं। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर में भव्य विज्ञापन दिखाई देने लगे। हॉलीवुड फिल्मों जैसे
- माहौल में न्यूज़ रिपोर्टर्स कह रहे थे—“कल सुबह से डिजिटल दुनिया में एक नया अध्याय शुरू होगा।”
- लोग आधी रात तक दुकानों के बाहर खड़े रहकर पैकेज्ड बॉक्स खरीदने के लिए लाइन लगाए थे। यह वही दौर था जब किसी
- सॉफ़्टवेयर लॉन्च पर प्रशंसक ऐसे उमड़े मानो कोई सुपरहिट फिल्म रिलीज हो रही हो।
Windows 95 का जादू
- सुबह होते ही दुनिया ने पहली बार उस स्क्रीन पर नज़र डाली जहाँ बाईं तरफ़ नीचे एक नया-नया बटन चमक रहा था—
START. - यह सिर्फ एक बटन नहीं था। यह कंप्यूटर की जटिल दुनिया को आसान बनाने वाला दरवाजा था। एक क्लिक और आपके सामने प्रोग्राम्स, फाइल्स, गेम्स, सेटिंग्स—सब कुछ व्यवस्थित।
- अब किसी को मुश्किल कमांड्स याद नहीं रखनी पड़ती थीं। बस माउस से क्लिक कीजिए और कंप्यूटर आपकी उंगलियों की भाषा समझ लेता।
इसके साथ ही Windows 95 लाया:
- Multi-tasking की ताकत – पहली बार लोग एक ही समय पर अलग-अलग प्रोग्राम्स चला सकते थे।
- प्लग एंड प्ले फीचर – नए डिवाइस को कंप्यूटर से जोड़ना अब आसान था।
- ग्राफिकल इंटरफ़ेस – रंगीन विंडोज और आसान आइकन ने कंप्यूटर को दोस्ताना चेहरे दिया।
- Internet Explorer के जरिए इंटरनेट का द्वार – भले ही शुरुआती दौर में था, पर यही आने वाले इंटरनेट रेवोल्यूशन की नींव थी।
क्रांति और असर
Windows 95 की लॉन्चिंग ने एक ऐसी लहर पैदा की जिसे आज हम डिजिटल क्रांति कहते हैं।
- आम जनता के लिए दफ्तर जैसा अनुभव घर में आया। अब फाइल बनाना, सेव करना, प्रिंट करना और गेम खेलना—सबकुछ आसान हो गया।
- कंप्यूटर मार्केट में उछाल आया। दुनिया भर में पीसी की माँग बढ़ गई। परिवारों ने कंप्यूटर को घरीलू सामान की तरह खरीदना शुरू कर दिया।
- इंटरनेट की राह खुली। Windows 95 आम जनता को इंटरनेट के नए दौर से जोड़ने का पायनियर बना।
- और सबसे अहम—इसने लोगों को टेक्नोलॉजी से डरने की बजाय उससे दोस्ती करना सिखाया।
लोगों का क्रेज और पॉप कल्चर
उस (आज की तारीख का इतिहास) लॉन्च को याद किया जाता है जैसे किसी बड़े स्पोर्ट्स इवेंट या मूवी प्रीमियर को। दुकानों के बाहर लंबी कतारें थीं, हाथों में Windows 95 के रंगीन बॉक्स पकड़े लोग कैमरों को दिखा रहे थे।
टेक्नोलॉजी पहली बार पॉप कल्चर का हिस्सा बन रही थी। यह वही दौर था जब कंप्यूटर “नर्ड्स की मशीन” से बदलकर “हर घर की पहचान” बनना शुरू हुआ।
इतिहास की मोड़ बदलने वाली तारीख
(आज के दिन की कहानी) आज जब हम स्मार्टफोन के टच स्क्रीन पर अंगुलियां घुमाते हैं, या लैपटॉप पर आराम से बैठकर काम करते हैं, तो यह सब उस बुनियाद पर खड़ा है जो 24 अगस्त 1995 को रखी गई थी। उस दिन माइक्रोसॉफ्ट ने सिर्फ एक सॉफ़्टवेयर लॉन्च नहीं किया, बल्कि आम इंसान के लिए डिजिटल दुनिया का दरवाजा खोला था।
तो 24 अगस्त 1995 की रात याद दिलाती है कि टेक्नोलॉजी का असली जादू तभी होता है जब वह इंसान के करीब आए, आसान बने और हर किसी को सशक्त बनाए।
Windows 95 वह पुल था जिसने लोगों और मशीनों के बीच की दूरी मिटा दी। उस दिन से कंप्यूटर सिर्फ वैज्ञानिकों की लैब का हिस्सा नहीं रहे—बल्कि हर घर का साथी, हर इंसान का मददगार बन गए।यह कहानी हमें बताती है कि एक क्लिक, एक “स्टार्ट बटन” ने डिजिटल युग की शुरुआत कर दी।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इस स्टोरी को और सिनेमैटिक अंदाज में लिखकर ऐसा नैरेशन तैयार करूँ जैसे डॉक्यूमेंट्री में किसी वॉयस-ओवर के रूप में सुनाया जा रहा हो?
24 अगस्त के इतिहास की 10 बड़ी घटनाएं इस प्रकार हैं
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(आज की यादगार घटनाएं) भारत और विश्व के नजरिए से 24 अगस्त इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज आकर ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई, जिसने बाद में देश के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम को गहरा प्रभावित किया।
साथ ही इस दिन कलकत्ता (अब कोलकाता) का स्थापना दिवस भी है, जो भारत के सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास में अहम है। विश्व स्तर पर भी यह तारीख कई महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सैन्य गतिविधि, आधुनिक तकनीकों का विकास।
राष्ट्रों के स्वतंत्रता प्राप्ति जैसे यूक्रेन का स्वतंत्र होना आदि कारणों से याद रखी जाती है। इस प्रकार 24 अगस्त को न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व इतिहास के लिए भी एक महत्वपूर्ण और यादगार दिन माना जाता है।
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