आज का इतिहास: जब ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने टेस्ट में पूरा किया था 400 विकेट

25 अगस्त 2001 के दिन ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने टेस्ट में 400 विकेट लेने का काम किया। साथ ही, वह ऐसा करने वाले पहले स्पिनर भी बन गए।

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Dablu Kumar
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आज का इतिहास:25 अगस्त 2001 का दिन क्रिकेट के इतिहास में शुमार हो गया, जब ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले पहले स्पिनर बने।

यह एक ऐसा पल था जो वार्न के क्रिकेट सफर की एक अहम मील का पत्थर साबित हुआ। इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें महान गेंदबाजों की लिस्ट में स्थापित किया बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में उनकी अलग पहचान बनाई।

आसान नहीं था शेन वॉर्न का सफर

शेन वॉर्न का सफर आसान नहीं था। 13 सितंबर 1969 को जन्मे वार्न ने 1992 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। उस समय दुनिया में तेज गेंदबाजों का राज था और स्पिन गेंदबाजी में एक नई चमक की तलाश थी।

वार्न ने अपने खेल से साबित कर दिया कि स्पिन गेंदबाज भी मैच जीताने की ताकत रखते हैं। उनकी गेंदबाजी में बदलाव, चतुराई और सूझबूझ इतनी प्रभावशाली थी कि उन्होंने मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी विपक्षी बल्लेबाजों को हरा दिया।

एशेज सीरीज में रचा कारनामा

अपने करियर के पहले कुछ सालों में ही वार्न ने अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी थी। उन्होंने एक खास अंदाज में गेंदबाजी की। इसमें लेग स्पिन के साथ वे खुद चुनौतियों का सामना करते हुए रन बनाने का दम भी रखते थे। उनकी गेंदबाजी की खूबी यह थी कि वे अपनी गेंद को लगातार घुमाते और बल्लेबाजों को चौकाने वाले बदलाव करते।

 25 अगस्त 2001 को इंग्लैंड के खिलाफ चल रही एशेज सीरीज में उन्होंने अपना 400वां टेस्ट विकेट लिया। यह विकेट उन्होंने इंग्लैंड के विकेटकीपर एलेक स्टीवर्ट का लिया था, जो उनकी महारत का प्रतीक था।

बल्लेबाजी में भी पेश की मिसाल

इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए शेन वॉर्न ने 75 टेस्ट मैचों में खेलते हुए यह सिलसिला पूरा किया, जो बताता है कि कितनी कड़ी मेहनत, लगन और निरंतरता उनके खेल में थी।

इस मुकाम पर पहुंचना सिर्फ उनकी प्रतिभा का ही नहीं, बल्कि उनकी आत्म-विश्वास और क्रिकेट के प्रति समर्पण का भी प्रमाण था। वार्न ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 145 मैच खेले और 708 विकेट हासिल किए। यह रिकॉर्ड तब तक किसी भी गेंदबाज ने नहीं तोड़ा।

उन्होंने सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं, बल्कि बल्लेबाजी में भी अपने आपको साबित किया। 3000 से ज्यादा रन उन्होंने बनाए, जो एक स्पिनर के लिए असाधारण प्रदर्शन था। उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया टीम ने कई यादगार जीतें हासिल की। विशेषकर एशेज जहां उनका दबदबा रहता था।

वार्न की गेदबाजी की खासियत

Shane Warne bowls

उनका रिकॉर्ड सिर्फ संख्या तक सीमित नहीं था। शेन वॉर्न ने उस दौर में स्पिन गेंदबाजी को एक नया आयाम दिया। उनके स्पिन में इतनी गति, भयंकर उछाल और अचानक दिशा बदलने की कला थी कि बल्लेबाज उनके खिलाफ असहाय महसूस करते थे। उनके खेल की वजह से दुनिया भर के बल्लेबाज कभी भी उन पर विजय प्राप्त नहीं कर पाए।

शेन वॉर्न की उपलब्धि से हम सीख सकते हैं कि किस तरह निरंतर प्रयास, जुनून और आत्म-विश्वास से कोई भी सपने को हकीकत में बदला जा सकता है।

मुश्किल वक्त में हार न मानना, अपनी ताकतों पर विश्वास रखना और लगातार खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करना उनकी सफलता की सबसे बड़ी वजह थी।

खुद बनाई अपने करियर की राह

Marmite-fuelled marvel: Warne exults after what is now routinely known as <i>that</i> ball

उनका 400वां विकेट बस एक आंकड़ा नहीं था, बल्कि उस लौह पुरुष की कहानी थी, जिसने कभी हार नहीं मानी। उनकी कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए निरंतर प्रयास और चेहरे पर आनंद लेकर काम करना जरूरी है।

शेन वॉर्न ने क्रिकेट के नियमों के साथ-साथ अपने करियर की राह भी खुद बनाई। उन्होंने अपनी मेहनत से साबित किया कि सीमित संसाधन या परिस्थितियां किसी के सपनों को रोक नहीं सकतीं। उनका जीवन और खेल का सफर आज भी उठाने योग्य प्रेरणा है।

इसी महान क्रिकेटर की उपलब्धि, 25 अगस्त 2001 को टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेना, सदैव क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में यादगार बनी रहेगी। इससे यह भी सिद्ध होता है कि अगर हौसले बुलंद हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

शेन वॉर्न की जीवन से मिलती है प्ररेणा

Pavilion's that way, mate: after getting rid of Carl Hooper in Sydney, 1996

शेन वॉर्न ने अपने जीवन से दिखाया कि मेहनत, धैर्य और समर्पण ही असली सफलता की चाबी है, जो हर खिलाड़ी और व्यक्ति के लिए आदर्श है। उनका यह कारनामा आज भी युवा खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरित करता है कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करें।

इस तरह, शेन वॉर्न (शेन वॉर्न की यादें) का 400 विकेट का रिकॉर्ड केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि क्रिकेट के लेग स्पिनर के लिए एक मील का पत्थर और प्रेरणा की एक अमर कहानी है। वह स्पिन गेंदबाजी के जादूगर थे, जिन्होंने इस खेल को अपनी कला के साथ सजाया और इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया।

बता दें कि, 4 मार्च 2022 के दिन क्रिकेटर शेन वॉर्न का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह थाईलैंड में छुट्टियां मना रहे थे। इसी दौरान उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया।

आज की यादगार घटनाएं

  • 25 अगस्त 1351: सुल्तान फिरोजशाह तुगलक तृतीय की ताजपोशी हुई। 
  • 25 अगस्त 1916: टोटनबर्ग की लड़ाई में रूस ने जर्मनी को पराजित किया। 
  • 25 अगस्त 1940: लिथुआनिया, लातविया और एस्तोनिया सोवियत संघ में शामिल हुए। 
  • 25 अगस्त 1957: भारत की पोलो टीम ने विश्व कप जीता। 
  • 25 अगस्त 1963: सोवियत संघ में स्टालिन के 16 विरोधियों को फांसी दी गई। 
  • 25 अगस्त 1977: सर एडमंड हिलेरी का सागर से हिमालय अभियान हल्दिया बंदरगाह से शुरू हुआ। 
  • 25 अगस्त 1980: जिम्बाब्वे संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ। 
  • 25 अगस्त 1991: बेलारूस सोवियत संघ से अलग होकर स्वतंत्र देश बना। 
  • 25 अगस्त 2001: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेनवार्न टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले पहले स्पिनर बने। 
  • 25 अगस्त 2003: मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और मुंबादेवी मंदिर के पास हुए कार बम विस्फोट में 50+ लोगों की मौत और 150+ घायल। 

भारत और विश्व के नजरिए से 25 अगस्त क्यों याद रखा जाता है?

भारत के लिए:

  • भारत की पोलो टीम ने इसी दिन 1957 में विश्व कप जीता था, जिससे देश को खेल जगत में गौरव प्राप्त हुआ।
  • 2003 में मुंबई में हुए बम विस्फोट ने देश के आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष को चिह्नित किया।
  • ऐतिहासिक रूप से फिरोजशाह तुग़लक़ की ताजपोशी और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी घटनाएँ भी इसी दिन हुई थीं।

विश्व के लिए:

  • 1940 में तीन बाल्टिक देश (लिथुआनिया, लातविया, एस्तोनिया) का सोवियत संघ में विलय हुआ, जिसका प्रभाव यूरोप की राजनीति पर पड़ा।
  • 1991 में बेलारूस स्वतंत्र हुआ, जिससे सोवियत संघ के विघटन की प्रक्रिया तेज़ हुई।
  • जिम्बाब्वे का संयुक्त राष्ट्र में शामिल होना और सोवियत काल की महत्वपूर्ण घटनाएँ—ये प्रमुख विश्व स्तरीय घटनाएँ हैं।

इस तरह 25 अगस्त की तारीख भारत और विश्व दोनों के लिए ऐतिहासिक, राजनैतिक और खेल जगत में कई महत्वपूर्ण मोड़ों के रूप में याद की जाती है।

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