अभी से शुरू कर दीजिए पानी बचाने की तैयारी 

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
अभी से शुरू कर दीजिए पानी बचाने की तैयारी 

मानसून आने में अभी एक पखवाड़े से अधिक का समय बाकी है। फिलहाल हम सभी गर्मी और जल संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन बुद्धिमान लोग वही होते हैं जो समय रहते भविष्य की तैयारी कर लें। इसलिए इस समय बड़े पैमाने पर तालाबों की खुदाई और जल प्रबंधन के काम किए जाते हैं। जल संरक्षण के प्रयास सामूहिक पहल से ही लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। इस काम के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सबसे लोकप्रिय और कारगर तरीका है। हमारी यह छोटी सी पहल भविष्य की पीढ़ी को जल संकट की भयावह स्थिति से बचा सकती है।





वर्षाजल संरक्षण (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग) का इतिहास काफी पुराना है। विश्व विरासत में सम्मिलित जार्डन के पेट्रा में की गई पुरातात्विक खुदाई में ईसा पूर्व सातवीं सदी में बनाए गए ऐसे हौज निकले हैं जिनका इस्तेमाल वर्षा जल को एकत्र करने में किया जाता था। इसी प्रकार श्रीलंका स्थित सिजिरिया में बारिश के पानी को एकत्र करने के लिये राॅक कैचमेंट सिस्टम बना हुआ था। यह सिस्टम ईसा पूर्व 425 में बनाया गया था। इसे भी विश्व विरासत में सम्मिलित किया गया है। भारत में राजस्थान प्रदेश के थार क्षेत्र में 4500 वर्ष पूर्व बारिश के पानी को एकत्र करने के प्रमाण हड़प्पा में की गई खुदाई के दौरान मिले हैं।





70 फीसदी आबादी को मिलता है सीवेज युक्त पानी





वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम वर्षा के पानी को उपयोग कर सकते हैं। वर्षा के पानी को एक निर्धारित किए हुए स्थान पर हम संचय कर सकते हैं। जल बिन हमारा जीवन बेहाल है। कुछ दिन नियमित जल प्रदाय नहीं होने से ही हम जल संकट की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। अब ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में भी अत्याधिक बोरवेल खोदे जाने से जमीन के अंदर जल का स्तर कम होने लगा है और कुछ जगहों पर तो बोरवेल सूखने भी लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकलन के मुताबिक पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा करीब 1400 मिलियन क्यूबिक मीटर है। पृथ्वी पर उपलब्ध सम्पूर्ण जल का केवल 2.7 प्रतिशत भाग स्वच्छ जल है, जिसका 75.2 प्रतिशत ध्रुवीय प्रदेशों में जमा है तथा 22.6 प्रतिशत भूजल के रूप में उपस्थित है। आज भी 2.17 लाख ग्रामीण घरों में शुद्ध जल नहीं पहुँच पाता। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक देश में केवल 31 प्रतिशत म्युनिसिपल सीवेज का शोधन होता है। बाकी अशोधित सीवेज नदियों, तालाबों में डाल दिया जाता है।





वर्षा जल का संचय से रोकें प्राकृतिक आपदा





वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा पानी को अलग-अलग जगहों में इकट्ठा किया जाता है, जैसे बांधों में, कुओं में और तालाबों में। प्राकृतिक आपदा को रोकने में भी इससे मदद मिलती है। वर्षा जल संचयन किसानों के लिए सबसे कारगर साबित हुआ है क्योंकि वर्षा के पानी को बचाकर आज ज्यादातर किसान गर्मियों के महीने में बहुत ही आसानी से पानी की कमी को दूर कर पाए हैं।



 ऐसे करें जल संरक्षण 



- सतही जल संग्रह सिस्टम 



सतही जल वह पानी होता है जो वर्षा के बाद ज़मीन पर गिर कर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है।



- छत प्रणाली 



इस तरीके में आप छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संचय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुली टंकियों का उपयोग किया जाता है।



- भूमिगत टैंक 



यह भी एक बेहतरीन तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित रख सकते हैं।





संचय ही सबसे अच्छा उपाय





हमारे जीवन में जल संरक्षण के कई लाभ हैं। घरेलू काम के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकते हैं और इस पानी को कपड़े साफ करने के लिए, घर साफ करने के लिए, पौधों में डालने के लिए उपयोग किया जा सकता है। बड़े-बड़े कल कारखानों में स्वच्छ पानी को इस्तेमाल में लाकर बर्बाद कर दिया जाता है, ऐसे में वर्षा जल को संचय करके इस्तेमाल में लाना जल को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन उपाय है।





हर तरह के लवणों से मुक्त होता है रेनवॉटर





अन्तरराष्ट्रीय जल संस्थान ने छत से प्राप्त होने वाले वर्षाजल को अन्य स्रोतों से प्राप्त होने वाले जल की तुलना में श्रेष्ठ बताया है। केमिकल लैब की रिपोर्ट के अनुसार यह जल हर तरह के घातक लवणों से मुक्त होता है। इसमें हानिकारक बैक्टीरिया भी नहीं होते हैं और इसका पीएच. मान भी आदर्श 6.95 होता है। पीएच. मान से यह पता चलता है कि पानी कितना प्राकृतिक व सामान्य है। 6.5 से 8.5 के बीच के पीएच. मान वाले पानी को सामान्य उपयोग के लायक माना जाता है। अगर आप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तैयारी कर रहे हैं तो आपको और भी कुछ बातें जान लेना चाहिए। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मदद से जमा किए हुए पानी को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से फिल्टर किया जाना चाहिए, ताकि इसमें मौजूद अशुद्धियां पानी से अलग हो जाए। वर्षा के पानी को ऐसे बर्तन या पात्र में रखना चाहिए जो धूप के संपर्क पर आने पर जहरीले तत्व ना बनाते हों। वर्षा जल संचयन द्वारा ग्राउंड वाटर को बढ़ाने, खेतों के कुओं को रिचार्ज करने और बोरवेल की क्षमता बढ़ाने का अधिक से अधिक प्रयास करें। मैं आशा करता हूं कि हम लोग मानसून के आने के पहले इन सब चीजों पर अच्छी तरह विचार करेंगे। और इनमें से जो तरीके हम अपना सकते हैं, उन्हें अपनाएंगे।



Monsoon मानसून WATER CRISIS जल संकट जल संचय रेन वॉटर हार्वेस्टिंग भू जल स्तर यूएनओ ​ पीएच वेल्यू पारंपरिक जल स्रोत नदी—तालाब सीवेज ट्रीटमेंट water harvesting rain water harvesting ground water level UNO pH value traditional water sources river-pond sewage treatment