BHOPAL: द सूत्र से खास बातचीत में पंडित धीरेंद्र ने खुलासा कर दिया कि उनके पास कौन सी विद्या है, पंडोखर सरकार के आरोपों का भी जवाब

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Vijay Mandge
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BHOPAL: द सूत्र से खास बातचीत में पंडित धीरेंद्र ने खुलासा कर दिया कि उनके पास कौन सी विद्या है, पंडोखर सरकार के आरोपों का भी जवाब

भोपाल : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ये साफ कर दिया है कि उनके पास न तो कोई शक्ति है, न सिद्धी है, न मंत्र विधान है, उनके पास है तो केवल राम का नाम। दरअसल पिछले दिनों पंडोखर सरकार ने सार्वजनिक तौर पर ये कहा था कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने काशी के संत सेतुलाल की आत्मा को तंत्र विद्या के जरिए पिशाच रूप में कैद किया हुआ है। पंडोखर सरकार के इन्हीं आरोपों का धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब दिया है।



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क्या कहा था पंडोखर सरकार ने 



पंडोखर सरकार ने ये बातें तब कहीं थी जब बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के ताऊ अपने बेटे देवेंद्र शास्त्री के साथ पंडोखर महाराज के दरबार में पहुंचे थे। पंडोखर महाराज ने भी सार्वजनिक रूप से पं. धीरेन्द्र शास्त्री को असत्य व छलिया बताते हुए देवेन्द्र शास्त्री को असली पीठाधीश्वर बताते हुए बागेश्वर धाम को वापस पाने काशी में कुछ तंत्र क्रियायें करने का सुझाव दिया था। जिस वक्त ये पूरा घटनाक्रम हुआ उस समय पंडित धीरेंद्र शास्त्री लंदन में थे। लंदन से लौटने के बाद 22 जून से भोपाल के अयोध्या नगर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की भक्तमाल कथा प्रारंभ हो चुकी है। 



मेरे पास न तंत्र न मंत्र, केवल राम नाम : शास्त्री



कथा के बीच में समय निकालकर धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से मुलाकात की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि न तो उनके पास न कोई सिद्धी है, न ही साधना है, न ही कोई शक्ति उन्हें आकर बताती है। वो ये सबकुछ हनुमान जी की शपथ खाकर करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वो बालाजी का ध्यान करते हैं। ये बालाजी के नाम का प्रताप है कि वो उसे मिटने नहीं देता। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि दादाजी गुरु ने उन्हें जो साधना के बारे में बताया है वो ही साधना करते हैं इसके अलावा उनके पास कुछ भी नहीं है।



..तो फिर रामायण झूठी पड़ जाएगी



पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि संन्यासी बाबा और दादा गुरुजी दोनों अलग अलग शख्सियत है। सबको स्पष्ट नहीं पता ये उनके दुख का विषय है। दादा गुरुजी उनके पिता के पिता है और  वो काशी में शांत हुए थे। धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि जो काशी में मरता है वो मुक्त होता है तो फिर दादा गुरुजी को सिद्ध कैसे किया जा सकता है। रामायण का उल्लेख करते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि रामायण  में लिखा है कि 'कासीं मुकुति हेतु उपदेसू' मतलब काशी में जो देह त्यागता है वो मुक्त होता है। ऐसे में या तो रामायण झूठी है या काशी में सिद्धी की बात करने वाला झूठा। धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि कोई अपने पितृ को इतने लंबे समय तक सिध्द कर लें ये संभव ही नहीं है।



परिवार से कोई विवाद नहीं



पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि उनका अपने चचेरे भाई से कोई विवाद नहीं है। ये भी कहा कि वो इन विवादों में पड़ना नहीं चाहते है। जितने समय में वो इन मामलों में जवाब देने में लगाएंगे तो उतने समय में वो अपना संकल्प पूरा कर सकेंगे। उनका संकल्प है कि आम लोगों को दरबारों के चक्कर ना लगाना पड़े।



देवेंद्र शास्त्री ने थाने में दर्ज करवाई रिपोर्ट



आपको बता दें कि देवेंद्र शास्त्री ने छतरपुर जिले के बमीठा थाने में एक अज्ञात शख्स के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज करवाई है। देवेंद्र शास्त्री के मुताबिक उन्हें मोबाइल से उन्हें ये धमकी दी गई कि वो बागेश्वर धाम दरबार की कॉपी ना करें वर्ना अंजाम बुरा होगा। देवेंद्र शास्त्री ने शिकायत में ये भी लिखा है कि शिकायतकर्ता ने ये भी धमकी दी कि वो पंडोखर सरकार के दरबार में क्यों गए थे। जिसका अंजाम बुरा होगा।


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