Bhopal. नागरिक आपूर्ति निगम रीवा के एक अधिकारी ने खराब माल (गुणवत्ताविहीन चावल) को गोदाम में जमा करने के एवज में मिलर मालिक से 10 हजार रूपए की रिश्वत ली। इस पूरे लेनदेन और बातचीत का 8.15 मिनिट का एक्सक्लूजीव वीडियो द सूत्र के हाथ लगा है। मामला रीवा का है, जहां एक मिलर मालिक से नागरिक आपूर्ति निगम के वरिष्ठ सहायक अधिकारी अतीव श्रीवास्तव 50 हजार रूपए की मांग कर रहे हैं। वीडियो में खराब माल के लिए मेरा रेट फिक्स है...जैसे शब्द स्पष्ट सुनाई दे रहे हैं। हालांकि मामले में जब द सूत्र ने अतीव श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने मिलर मालिक को पैसा उधार दिया था और वह उधार पैसा ही लिया है। हालांकि उधार पैसे के लिए खराब माल....इससे कम नहीं होगा...मेरा रेट फिक्स है...जैसे शब्दों का उपयोग भला कोई क्यों करेगा। वीडियो में मिलर मालिक तय रकम की पहली किश्त के रूप में 500—500 रूपए के नोट गिनकर 10 हजार रूपए देते हुए स्पष्ट दिखाई और सुनाई भी दे रहा है। यह रूपए अतीव श्रीवास्तव अपनी जेब में रखते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि द सूत्र इस वीडियो की पुष्टी नहीं करता है।
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यह है पूरा खेल
जानकार बताते हैं कि मिलर संचालक किसानों से धान खरीदकर उससे चावल बनाते हैं। उस चावल को नान अपने गोदाम में रखकर पीडीएस के माध्यम से गरीबों को बंटवाता है। जो चावल की गुणवत्ता ठीक नहीं होती नान अधिकारी उसे भी पास करके अपने गोदाम में रखवाते हैं। इसी की एवज में रिश्वत का यह खेल चलता है। यही खराब चावल गरीबों की थाली तक पहुंचता है।
पहले भी रहे हैं विवादों में
2019 में अतीव श्रीवास्तव नागरिक आपूर्ति निगम के रीवा जिले के ही भेडऱहा गोदाम के प्रभारी थे। इस दौरान अतीव श्रीवास्तव पर मिलरो व परिवहनकर्ता से साठगांठ कर गुणवत्ता विहीन चावल गोदाम में बगैर जमा कराए सीधे जिले से बाहर भेज देने के आरोप लगे थे। शासन ने छतरपुर, सीधी, टीकमगढ, सिंगरौली सहित अन्य जिले के लिए चावल की डिमांड की थी। श्रीवास्तव पर आरोप था कि तीन अलग-अलग मिल संचालकों से साठगांठ कर लगभग 300 लॉट यानी करीब 87 हजार क्विंटल से अधिक चावल की आपूर्ति कर दी गई। मामले में तात्कालिक प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने नान के क्षेत्रीय प्रबंधक उज्जैन योगेश सिंह, सतना के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके गजभिए, सतना के गुणवत्ता नियंत्रक एसपी गुप्ता, रीवा के प्रबंध वित्त जिला कार्यालय एलपी डेहरिया को जांच सौंपी थी। हालांकि अतीव श्रीवास्तव ने अपने उपर लगे इस आरोप को सिरे से नकार दिया है और दावा किया है कि उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई है। वहीं इस मामले में नान के प्रबंध संचालक तरूण पिथोड़े से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।