लगता है प्रदेश के युवाओं के सपनों को किसी की नजर लग गई है। पटवारी के बाद अब हम उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 की भर्ती का हाल आपको बताने जा रहे हैं। इस भर्ती का हाल देखकर यही समझ पाना मुश्किल है कि क्या वाकई सरकार भर्ती देना चाहती भी है या नहीं...या बस खानापूर्ति किए जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ( CM Mohan yadav ) जहां एक हफ्ते के अंदर 15 हजार नियुक्ति पत्र बांटने की बात कहते हैं तो दूसरी तरफ उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 में खाली पड़े 34 हजार 789 पदों में से मात्र 8 हजार 720 पदों पर भर्ती कर युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। अगर इसे आप सब्जेक्ट के हिसाब से देखेंगे तो कई सब्जेक्ट्स में इतने कम पद हैं कि हर कैटेगरी के उम्मीदवारों में से मात्र दो चार लोगों को ही नियुक्ति मिल रही है। आलम ये हो चुका है कि विषय में टॉप आने के बाद भी टॉपर्स को ही नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। अगर आप इस परीक्षा को टाइम के हिसाब से डिवाइड करें तो पाएंगे कि शिक्षक वर्ग एक के लिए चयन पात्रता परीक्षा एवरेज 5 साल में हो रही है...पहले 2012 में हुई फिर 2018 में अब 2023 में ...ऐसा पहली बार हुआ कि परीक्षा दो चरणों में आयोजित की गई । पहले पात्रता परीक्षा यानी इलीजिबिलिटी टेस्ट मार्च 2023 में हुआ और चयन परीक्षा यानी सिलेक्शन टेस्ट अगस्त 2023 में हुई। रिजल्ट फरवरी 2024 में आया। लेकिन ना तो अभी तक नियुक्ति हुई और ना ही इसमें पद बढाए गए।
अब आइए आपको बता दें आखिर उम्मीदवारों की क्या मांग है...
उम्मीदवारों की मांग है कि 20 हजार पदों की बढोत्तरी की जाए...और जो 5935 पद 2018 की भर्ती में खाली रह गए उन्हें भी इस भर्ती में शामिल किया जाए। एक दिसंबर 2022 को आए मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र में बताया गया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग 1) के 34,789 पद खाली है ,जिनमें से 50% यानी 17 हजार 394 पद सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने है। लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार वित्त की कमी के चलते यह पद नहीं भर रही है..लेकिन दूसरी तरफ खुद सीएम मोहन कहते हैं कि सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है।
और वीडियो देखिए...
https://youtu.be/YpY93eT7M0U?si=RaUMQhDsbngoQI0X
https://youtu.be/Qi4QMgbcbWE?si=yfvV4_j45b9bz33u